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सोयाबीन फसल के महत्वपूर्ण कीट एवं उनका प्रबंधन | Soybean Stem Borer - Blog 50

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|| सोयाबीन फसल के महत्वपूर्ण कीट एवं उनका प्रबंधन || तना मक्खी :- पहचान चिन्ह:- 1. वयस्क मक्खी छोटे आकार 2 मि.मी. की चमकदार काले रंग की होती है यह जून से अप्रैल माह में सक्रिय रहती है। 2. इसके पैर श्रृंगिकाए तथा पंखों की शिरायें हल्के भूरे रंग की होती है। 3. ग्रसित तनों को चीरने पर तना खोखला दिखाई देता है, मध्य भाग गहरा लाल या भूरे रंग का हो जाता है। 4. इसकी इल्ली जिसे मेगट कहते हैं, हल्के सफेद रंग की बेलनाकार होती है जिसकी लंबाई 2 मी.मी.होती है। 5. मेगट का आकार अग्र भाग जिसमें मुखांग होते हैं, नुकीला तथा पश्चात भाग गोल तथ चपटा होता है 6. शंखी तने के अंदर ही बनती है जिसका रंग भूरा तथा लंबाई 2-3 मी.मी. होती है। क्षति लक्षण:- 1. इस कीट की इल्ली अवस्था ही हानिकारक होती है। 2. नव विकसित मेगट पत्तियों के डठंलों से तने के अंदर घुसती है और टेढी, मेढ़ी बनाती है। 3. ग्रसित पौधों में प्रारंभ में पत्तियों की ऊपरी सतह भाग सूख जाता है। 4. इसकी शंखी भी तने के अंदर ही बनती है अत: छिद्र का उपयोग मक्खी पौधे के बाहर निकलने में करती है। 5. यह कीट सोयाबीन की संपूर्ण अवधि तक सक्रिय...

जैव रसायन का कृषि में उपयोग | use of Bio Chemical in agriculture - Blog 49

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🌿 जैव रसायन (Biochemistry) का कृषि में उपयोग जैव रसायन (Biochemistry) वह विज्ञान है जो पौधों और जीवों में होने वाली रासायनिक प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है। कृषि में जैव रसायन का उपयोग उत्पादन बढ़ाने, मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने, और पौधों की सेहत बनाए रखने के लिए किया जाता है। 🔬 कृषि में जैव रसायन के मुख्य उपयोग क्षेत्र उपयोग 1. पौधों की वृद्धि हार्मोन (जैसे ऑक्सिन, साइटोकाइनिन, जिबरेलिन) का अध्ययन कर फसल की बढ़वार को नियंत्रित करना। 2. पोषक तत्वों की पहचान पौधों में पोषण की कमी (जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश) को पहचानना और सही उर्वरकों का चयन करना। 3. जैव उर्वरक (Biofertilizers) नाइट्रोजन फिक्सिंग जीवाणु (Rhizobium, Azotobacter) का उपयोग फसल उत्पादन बढ़ाने में। 4. कीट और रोग नियंत्रण पौधों में रसायनिक बदलाव देखकर बीमारी या कीट का पता लगाना और समय पर जैविक/रासायनिक उपाय अपनाना। 5. बीज विज्ञान बीज अंकुरण, बीज उपचार और बीज की गुणवत्ता परीक्षण में जैव रासायनिक परीक्षणों का उपयोग। 6. मिट्टी की उर्वरता मिट्टी में उपस्थित सूक्ष्मजीवों और एंजाइमों के ...

वर्मीकम्पोस्ट बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें - Blog 48

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वर्मीकम्पोस्ट बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें :  कमसमय में अच्छी गुणवत्ता वाली वर्मीकम्पोस्ट बनाने के लिए निम्न बातों पर विशेष ध्यान देना अति आवश्यक है । 1. वर्मी बेडों में केंचुआ छोड़ने से पूर्व कच्चे माल (गोबर व आवश्यक कचराद्) का आंशिक विच्छेदन ( जिसमें 15 से 20 दिन का समय लगता है ) करना अति आवश्यक है। 2. आंशिक विच्छेदन की पहचान के लिए ढेऱ में गहराई तक हाथ डालने पर गर्मीं महसूस नहीं होनी चाहिए। ऐसी स्थिति में कचरे की नमीं की अवस्था में पलटाई करने से आंशिक विच्छेदन हो जाता है। 3. वर्मी बेडों में भरे गये कचरे में कम्पोस्ट तैयार होने तक 30 से 40 प्रतिशतनमी बनाये रखें। कचरें में नमीं कम या अधिक होने पर केंचुए ठीक तरह से कार्य नही करतें। 4. वर्मीवेडों में कचरे का तापमान 20 से27 डिग्री सेल्सियस रहना अत्यन्त आवश्यक है। वर्मीबेडों पर तेज धूप न पड़ने दें। तेज धूप पड़ने से कचरे का तापमान अधिक हो जाता है परिणामस्वरूप केंचुए तली में चले जाते हैं अथवा अक्रियाशील रह कर अन्ततः मर जाते हैं। 5. वर्मीबेड में ताजे गोबर का उपयोग कदापि न करें। ताजे गोबर में गर्मी (Heat) अधिक होन...

बथुआ के बारे में कुछ बाते | chenopodium album - Blog 47

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सागो का सरदार है बथुवा सबसे अच्छा आहार है बथुवा बथुवा अंग्रेजी - Lamb's Quarters,  वैज्ञानिक नाम - Chenopodium album. सीजन - खरीब फसल साग और रायता बना कर बथुवा अनादि काल से खाया जाता  रहा है लेकिन क्या आपको पता है कि विश्व की सबसे पुरानी महल बनाने की पुस्तक शिल्प शास्त्र में लिखा है कि हमारे बुजुर्ग अपने घरों को हरा रंग करने के लिए प्लस्तर में बथुवा मिलाते थे और हमारी बुढ़ियां , सिर से ढेरे व फांस (डैंड्रफ) साफ करने के लिए बथुवै के पानी से बाल धोया करती। बथुवा गुणों की खान है और भारत में ऐसी ऐसी जड़ी बूटियां हैं तभी तो मेरा भारत महान है। बथुवै में क्या क्या है?? मतलब कौन कौन से विटामिन और मिनरल्स?? तो सुने, बथुवे में क्या नहीं है??  बथुवा विटामिन B1, B2, B3, B5, B6, B9 और विटामिन C से भरपूर है तथा बथुवे में कैल्शियम,  लोहा, मैग्नीशियम, मैगनीज, फास्फोरस, पोटाशियम, सोडियम व जिंक आदि मिनरल्स हैं।  100 ग्राम कच्चे बथुवे यानि पत्तों में 7.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 4.2 ग्राम प्रोटीन व 4 ग्राम पोषक रेशे होते हैं। कुल मिलाकर 43  Kcal होती है। ज...

अटल बिहारी वाजपेयी | Atal Bihari Vajpayee - Blog 46

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जन्म - 24 दिसंबर 1924 ग्वालियर, मध्य प्रदेश मृत्यु - 16 अगस्त 2018 (उम्र 93) नई दिल्ली राजनैतिक दल - भारतीय जनता पार्टी  || प्रमुख प्रकाशित रचनाएँ इस प्रकार हैं : || मृत्यु या हत्या अमर बलिदान (लोक सभा में अटल जी के वक्तव्यों का संग्रह) कैदी कविराय की कुण्डलियाँ संसद में तीन दशक अमर आग है कुछ लेख: कुछ भाषण सेक्युलर वाद राजनीति की रपटीली राहें बिन्दु बिन्दु विचार, इत्यादि। मेरी इक्यावन कविताएँ || पुरस्कार :|| 1992  :  पद्म विभूषण 1993  : डी लिट ( कानपुर विश्वविद्यालय ) 1994  :  लोकमान्य तिलक  पुरस्कार 1994  : श्रेष्ठ सासंद पुरस्कार 1994  : भारत रत्न  पंडित गोविंद वल्लभ पंत  पुरस्कार 2015  : डी लिट ( मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय ) 2015  : 'फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वार अवॉर्ड', ( बांग्लादेश  सरकार द्वारा प्रदत्त) 2015  :  भारतरत्न  से सम्मानित || जीवन के कुछ प्रमुख तथ्य || आजीवन अविवाहित रहे। वे एक ओजस...

डॉ एम एस स्वामीनाथन | हरित क्रांति के जनक | Dr M S Swaminathan - Blog 45

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पूरा नाम - मंकोम्बो सम्बासीवन स्वामीनाथन जन्म - 7 अगस्त, 1925 जन्म भूमि - कुंभकोणम, तमिलनाडु कर्म भूमि - भारत वैज्ञानिक पुरस्कार - उपाधि 'पद्म श्री', 'पद्म भूषण', 'पद्म विभूषण', 'रेमन मैगसेसे पुरस्कार', विश्व खाद्य पुरस्कार आदि। प्रसिद्धि कृषि वैज्ञानिक विशेष योगदान स्वामीनाथन को "भारत में हरित क्रांति के जनक" ( Indian Father of Green Revolution ) माना जाता है।  उनके प्रयत्नों का परिणाम यह है कि भारत की आबादी में प्रतिवर्ष पूरा एक ऑस्ट्रेलिया समा जाने के बाद भी खाद्यान्नों के मामले में वह आत्मनिर्भर बन चुका है। नागरिकता भारतीय संबंधित लेख हरित क्रांति, पंचवर्षीय योजना अन्य जानकारी लंदन की रॉयल सोसायटी सहित विश्व की 14 प्रमुख विज्ञान परिषदों ने एम. एस. स्वामीनाथन को अपना मानद सदस्य चुना है। अनेक विश्वविद्यालयों ने डॉक्टरेट की उपाधियों से उन्हें सम्मानित किया है।  अनुवांशिकी विशेषज्ञ और अंतर्राष्ट्रीय प्रशासक, जो भारत की 'हरित क्रांति' में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिए विख्यात हैं। इन्होंने 1966 में मैक्सिको ...

एग्रीकल्चर | Agriculture Meaning and Definition | Agriculture History - Blog 44

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|| एग्रीकल्चर || Agriculture || ● एग्रीकल्चर दो लैटिन शब्द से मिलकर बना है। 1.  Agri अर्थात soil 2.  Culture  अर्थात cultivation ● Means cultivation of soil is called agriculture. ● Definition :- an activity of human to cover primary aims like food, fuel its by optimum use of Terrestrial resources is called as agriculture. example :- crop production, horticulture, agronomy, pomology, animal husbandry, Apiculture, sericulture and vermiculture etc ● कृषि विज्ञान व्यवहारी विज्ञान की शाखा है| ● Pandit Jawaharlal Nehru said - everything is can wait but not agriculture. 🌾 Agriculture: Meaning and Definition ✅ Meaning of Agriculture: Agriculture is the practice of cultivating the soil, growing crops, and raising animals to produce food, fiber, medicinal plants, and other products used to sustain and enhance human life. 👉 In simple words: "Agriculture is the science and art of growing crops and raising livestock for human use and survival." 📘 Defi...

गुरु की महिमा | About Ideal Guru - Blog 43

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● गुरु 2 शब्दो से मिल कर बना है । " गु " शब्द का अर्थ अंधकार " रु " शब्द का अर्थ उसका नाश करने वाला। अर्थात  अज्ञानरूपी अन्धकार का नाश करने वाला गुरु कहलाता है।  गुरु ज्ञानरूपी सूर्य है। गुरु बिन ज्ञान कहां जगमाही ? ● गुरु कौन ? ● वह जिसने बचपन से हंसना,बोलना,चलना,उठना,बैठना, खाना,पढना सिखया यानी हमारी " मां " ● वह जिसने जीवन का अर्थ समझाया, आदर्शों व संस्कारों से परिपूर्ण किया, हमारे " पिता "; ● वह जिन्होंने हमें स्कूल में विभिन्न विषयों का ज्ञान करवाया ● वह जिसने हमें किसी विशेष विधा में पारंगत किया ● वह जिसने हमें यह बोध कराया कि हम कौन हैं, कहां से आए, कैसे कर्म करेंगे तो कहां जाएंगे   हमारा कल्याण कैसे हो सकता,  कैसे आत्मा से परमात्मा बन सकते, इस बार-बार के भ्रमण से छुटकारा पाकर मुक्त हो सकते ? सभी किसी न किसी रूप में हमारे गुरु हैं; क्या एक व्यक्ति के इतने गुरु हो सकते ?  जीवन विशाल और ज्ञान की कोई सीमा नहीं। आकाश, चांद, सितारे, पर्वत, नदी, पानी, वर्षा, बादल, पुष्प, वृक्ष, सूर्य, पंछी, जानवर तक मनुष्य ...

महत्वपूर्ण पुस्तकें और उनके लेखक | Important Books and There Writers - Blog 42

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|| महत्वपूर्ण पुस्तकें और उनके लेखक || || Important Books and There Writers || 1. पंचतंत्र — विष्णु शर्मा 2. प्रेमवाटिका — रसखान 3. मृच्छकटिकम् — शूद्रक 4. कामसूत्र् — वात्स्यायन 5. दायभाग — जीमूतवाहन 6. नेचुरल हिस्द्री — प्लिनी 7. दशकुमारचरितम् — दण्डी 8. अवंती सुन्दरी — दण्डी 9. बुध्दचरितम् — अश्वघोष 10. कादम्बरी् — बाणभटृ 11. अमरकोष — अमर सिहं 12. शाहनामा — फिरदौसी 13. साहित्यलहरी — सुरदास 14. सूरसागर — सुरदास 15. हुमायूँनामा — गुलबदन बेगम 16. नीति शतक — भर्तृहरि 17. श्रृंगारशतक — भर्तृहरि 18. वैरण्यशतक — भर्तृहरि 19. हिन्दुइज्म — नीरद चन्द्र चौधरी 20. पैसेज टू इंगलैंड — नीरद चन्द्र चौधरी 21. अॉटोबायोग्राफी अॉफ ऐन अननोन इण्डियन — नीरद चन्द्र चौधरी 22. कल्चर इन द वैनिटी वैग — नीरद चन्द्र चौधरी 23. मुद्राराक्षस — विशाखदत्त 24. अष्टाध्यायी — पाणिनी 25. भगवत् गीता — वेदव्यास 26. महाभारत — वेदव्यास 27. मिताक्षरा — विज्ञानेश्वर 28. राजतरंगिणी — कल्हण 29. अर्थशास्त्र — चाणक्य 30. कुमारसंभवम् — कालिदास 31. रघुवंशम् — कालिदास 32. अभिज्ञान शाकुन्तलम् — क...