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जनवरी, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

वेस्टडीकम्पोजर के उपयोग or use of waste decomposer - Blog 13

वेस्टडीकम्पोजर के उपयोग 1 वेस्टडीकम्पोजर से गोबर खाद को सड़ा गला कर खाद में बदलना 2 भूमि में पूर्व फसलो के अवशेषों को गलाना और खाद में परिवर्तन करना 3 किचन के कचरे से खाद बनाना 4 हानिकारक फंगस से बचाव 5 स्प्रे के रूप में किसी भी फसल की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना 6 फसल को फंगस से सुरक्षा दिलाना 7 फसल के विकास में सहायक परस्थितियों  का निर्माण करना 8 फसल को सुरक्षा प्रदान करना 9 बीजोपचार भी होता है ! "वेस्ट डी-कम्पोजर" (Waste Decomposer) एक जैविक उत्पाद है जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत नेशनल सेंटर फॉर ऑर्गेनिक फार्मिंग (NCOF) द्वारा विकसित किया गया है। इसका मुख्य उपयोग कृषि में जैविक खाद, पौधों की सुरक्षा और मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए किया जाता है। 📌 वेस्ट डी-कम्पोजर के मुख्य उपयोग: 1. जैविक खाद तैयार करने के लिए (Compost Making): वेस्ट डी-कम्पोजर का घोल खेत के जैविक कचरे (जैसे – पत्तियाँ, डंठल, सब्ज़ियों के अवशेष) पर छिड़का जाता है। इससे कचरे का सड़न तेजी से होता है और यह 30-40 दिनों में उत्तम जैविक खाद में बदल जाता है। 2. मिट्टी की गुण...

कम्पोस्ट बनाने का एक नया तरीका नाडेप विधि - Blog 12

कम्पोस्ट बनाने का एक  नया  विकसित तरीका नाडेप विधि है जिसे महारास्ट्र के कृषक नारायण देव राव पांडरी पाण्डेय (नाडेप काका ) ने विकसित किया है | नाडेप विधि में कम्पोस्ट खाद जमीन की सतह का टांका बनाकर उसमें प्रक्षेत्र अवशेष तथा बराबर मात्रा में खेती की मिट्टी तथा गोबर को मिलाकर बनाया जाता है | इस विधि से 1 किलो गोबर से 30 किलो खाद चार माह में बनकर तैयार हो जाती है नाडेप कम्पोस्ट का टांका उस स्थान पर बनाया जाये जहाँ भूमि समतल हो तथा जल भराव की समस्या न हो | टांका के निर्माण हेतु आन्तरिक माप 10 फीट लम्बी, 6 फीट चौड़ी और 3 फीट गहरी रखनी चाहिए | इस प्रकार टांका का आयतन 180 घन फीट हो जाता है | टांका की दीवार 9 इंच चौड़ी रखनी चाहिए | दीवार को बनाने में विशेष बात यह है की बीच बीच में यथा स्थान छेद छोड़ें जाएँ जिससे की टांका में वायु का आवागमन बना रहे और खाद सामग्री आसानी से पक सकें | प्रत्येक दो इंटों के बाद तीसरी ईंट की जुड़ाई करते समय 7 इंच के छेद छोड़ देना चाहिए | 3 फीट ऊँची दीवार में पहले, तीसरे, छठे और नवें रददे में छेद बनाने चाहिए | दीवार के भीतरी व् बाहरी हिस्से को गाय या भैंस...

डीकम्पोज़र किसान के लिए संजीवनी बूटी || West Decomposer - Blog 11

यदि आप किसान हे और इसके बारे मे नहीँ जानते तो आज ही youtube पर west decamposer सर्च करे इसे केवल 1बार ही किसान को खरीदना हेऔर बार बार घर पर ही जामन की तरह प्रयोग करना हे इसी से खाद,कीटनाशक,fungisideसब बनेगा वौ भी घर पर केवल गुड़ का खर्च आएगा | ना कोई खाद , ना पेस्टिसाइड , ना फफूंदनाशी सिर्फ वेस्ट decamposer इसके प्रयोग से बजार से कोई भी खाद,कीटनाशक,fungiside(urea,dap,mop,मल्टीप्लेयर,psb,razobium,कौराजन,trizo,मँकोजेबआदी की किसी की ज़रूरत नहीँ) सिर्फ  डीकम्पोज़र ही काफी हे | डिकम्पोज़र  राष्टीय खेती केंद्र गाजियाबाद द्वारा बनाया गया अपशिष्ट विघटनकारी है| इसमे देसी गाय के 4-5तरह के bactiria हे जौ अलग अलग काम करते हे | इसके साथ साथ यह कृषि की एक नई विधि भी है जो पुर्ण रूप से जैविक (natural)है किसानों की लागत को आधा से भी कम कर देता  है , पेस्टिसाइड पर होने वाले खर्च को बहुत कम कर देती है |और उपज मे बढ़वार होती हे | एक गाँव के किसानों के लिये  1-2डिब्बी काफी हे 1ड्रम बना लेना  wdc का फ़िर इसी ड्रम से  5-10लीटर दवाई बाट लेना सभी को डिब्बी खरीदने की ज़रूर...

एलोविरा बिजनस का कम्पलीट सुझाव - Blog 10

गवार पाठा (ऐलोविरा) कि खेती का 1 acre ( एकड़) का हिसाब 1 एकड़ मे 2×2फिट 10500 पौधे लगाते है जिसकी लागत 4 रूपये पर पौधा (पौधा + गाडी भाडा ) है इस प्रकार 10500×4= 42000किसान का खर्च होगागवार पाठा को 25 दिन मे 1 बार पानी लागाया जाता है यह किसी भी समय लगाया जा सकता हे लगाने के 11'से 12 महिने बाद पौधा तैयार हो जाता है उसके बाद पत्तीयों कि कटाई होगी। गीली पत्तियों को हमआपके खेत से हम 3 रुपये किलो से खरीदेगे ऐक पौधे के पतियों का वजन 4 से 7 किलो हो जाता हैउस प्रकार 1 एकड़ मे 10500 पौधे (10500×4kg= 42000 kg) हो जाता है 42000×3= 1,26,000 रुपये कि कमाई होगी इसमे वर्षा ऋतु मै और वसन्त ऋतु मै बहुत सारे पौधेभी निकलते है । उसके बाद 6 महिने मे कटाई होती रहेगी यह क्रम 5 - 6 साल तक चलता रहेगा Note :- 1.ये पोधे 2 *2 फीट की दूरी पर लगते हैं । आप अपने लोकल खेती का माप भीगा ( भीगा ) से भी calculte कर सकते हैं। 2.ये उपज हमारे पिछले अनुभवों और कई किसानों से आंकड़े प्राप्त करने के बाद का है । 3.कुछ आंशिक परिवर्तन उपज और कमाई हो सकता है। आप 1 एकड़ से कमाई 2 से 3 लाख तक मानसकते है। 4.Payment के ...

कैसे करें निगेटिव थॉट्स को पॉजिटिव में कन्वर्ट | Low of Attraction | आकर्षित का नियम - Blog 08

|| कैसे करें निगेटिव थॉट्स को पॉजिटिव में कन्वर्ट || Low of Attraction ||  आकर्षित का नियम || "हम जो सोचते हैं, वो बन जाते हैं" Law Of Attraction (LOA) अर्थात् आकर्षित करने का नियम कहता है कि हम जो भी सोचते हैं उसे अपने जीवन में आकर्षित करते हैं, फिर चाहे वो चीज अच्छी हो या बुरी। उदाहरण के लिए: अगर कोई सोचता है कि वो हमेशा परेशान रहता है, बीमार रहता है और उसके पास पैसों कि कमी रहती है तो असल जिंदगी में भी ब्रह्माण्ड घटनाओं को कुछ ऐसे सेट करता है कि उसे अपने जिंदगी में परेशानी, बीमारी और तंगी का सामना करना पड़ता है। वहीँ दूसरी तरफ अगर वो सोचता है कि वो खुशहाल है, सेहतमंद है और उसके पास खूब पैसे हैं तो LOA कि वजह से असल जिंदगी में भी उसे खुशहाली, अच्छी सेहत और समृद्धि देखने को मिलती है। वास्तव में हम जो सोचते हैं, वो बन जाते हैं| हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं. शब्द गौण हैं. विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं जो लोग LOA मानते हैं वे समझते हैं कि positive सोचना कितना ज़रूरी है…वे जानते हैं...

किसान को जैविक खेती शुरू करने से पहले निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए - Blog 09

किसान को जैविक खेती शुरू करने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए 1 जैविक खेती के लिए सबसे पहले किसी अच्छे संस्थान या गुप से प्रशिक्षण लेना चाहिए 2 फिर मिट्टी की जांच एवं पानी की जांच करवानी चाहिए 3 किसान को यह संकल्प लेना चाहिए कि वह अपने खेत में रसायनों का प्रयोग नहीं करेगा 4 किसान को धैर्य के साथ जैविक खेती के बताएं गये तरीके अपनाना चाहिए जैविक खेती शुरू करने के लिए सबसे पहले मानसिकता बदलनी जरुरी है । । फिर विधिवत प्रशिक्षण लेना चाहिये ।। संकल्प लेना होगा कि आज के बाद कभी भी रासायनिक खाद ,, रासायनिक कीटनाशक व खरपतवार नाशक का उपयोग बन्द करना होगा किसी भी कार्य को करने पहले कुछ असमंजस हो तो किसी भी प्रशिक्षित व्यक्ति या संस्था से परामर्श ले कर कार्य करें ताकि नुकसान न हो और भरपूर उत्पादन लिया जा सके जैविक खेती शुरू करने से पहले उचित प्रशिक्षण और दृढ़ इच्छाशक्ति होनी चाहिए तथा रासायनिक खादों कीटनाशक पेस्टीसाईड दवाओं का त्याग करके देशी गाय के गोबर गौ मूत्र आदि के प्रयोग से तमाम तरह के जीवाणु कल्चर तैयार करने चाहिए और मिट्टी की जांच करानी चाहिए फसलों की आवश्यकता अनु...

सिक्किम देश का पहला पूर्ण जैविक खेती करने वाला राज्य or सिक्किम जैविक मिशन - Blog 07

पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम ने भारतीय कृषि के इतिहास में एक सुनहरा पन्ना जोड़ दिया है। करीब 75 हजार हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती कर वह देश का पहला पूर्ण जैविक राज्य बन गया है। ' सिक्किम जैविक मिशन' के कार्यकारी निदेशक डॉ. आनबालागन ने बताया कि दिसंबर 2016 के अंत में हमने पूर्ण जैविक राज्य का दर्जा हासिल कर लिया है। उन्होंने बताया, 'जैविक उत्पाद के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम' में निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप प्रक्रियाओं व सिद्धांतों को लागू कर करीब 75,000 हेक्टेयर कृषि भूमि को क्रमिक रूप से प्रमाणिक जैविक भूमि में तब्दील किया गया। जैविक खेती से हिमालयन राज्य में पर्यटन के बढऩे की संभावना भी बढ़ गई है। कई रिसॉर्ट यह कहकर अपनी मार्केटिंग कर रहे हैं कि उनके यहां मिलने वाले सभी उत्पाद जैविक खेती से पैदा हुए हैं। 12 साल की मेहनत रंग लाई 12 साल पहले पवन चामलिंग के नेतृत्व वाली सरकार ने विधानसभा में घोषणा कर सिक्किम को जैविक कृषि राज्य बनाने का फैसला किया था। इसके बाद कृषि योग्य भूमि के लिए रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल और उनकी बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया गया। इससे किसानों क...

कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं तो ये पढ़ लीजिए | Insecticide Spray Before Read - Blog 06

कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं तो ये पढ़ लीजिए फसलों पर कीटों का प्रकोप होना आम बात है। इन कीटों से निपटने के लिए ज़्यादातर किसान रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन जिस तरह से दुनियाभर में केमिकल और पेस्टीसाइड का अंधाधुध प्रयोग हुआ है, उससे खेती और इंसान दोनों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। दुनिया भर में हुए शोधों में पता चला है कि कैंसर समेत कई बीमारियों के लिए कुछ हद तक ये कीटनाशक जिम्मेदार हैं। लेकिन कई बार खाने की थाली तक पहुंचने से पहले ये कीटनाशक खुद किसानों की जान ले लेते हैं। कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग पर लगाम लगाने की कोशिशें तेज हुई हैं। इसी बीच संसद में इऩ जहर बनते कीटनाशकों को लेकर नया बिल लाने की सुगबुगाहट है। अगस्त 2017 में महाराष्ट्र के यवतमाल में कपास के खेत में कीटनाशकों का छिड़काव करते वक्त 800 लोग बीमार हुए थे, इनमें से 50 मज़दूरों की मौत हो गई थी, 25 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी। 2017 में राज्यसभा में इस संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कृषि राज्यमंत्री ने संसद को बताया था कि पिछले तीन सालों में खेत में कीटनाशकों को छिड़काव करते समय 5114 किस...

प्राकतिक खेती केचुआ औऱ भुगर्भजल संवर्धन जीवामृत || Natural Plough of Earthworm - Blog 05

केचुआ औऱ भुगर्भजल संवर्धन :- हम टनों टन रासायनिक खाद खेत मे डाल चुके है | लगभग 90 % केंचुए मार डाले हैं। केंचुआ करता क्या है ? केंचुए मिट्टी को नरम बनाते है,पोला बनाते है, उपजाऊ बनाते हैं। देशी केंचुए काम क्या है ? ऊपर से नीचे जाना ,नीचे से ऊपर आना।केंचुआ सतह से पंद्रह फिट नीचे जाता है और वहां से ऊपर आता है।जब केंचुआ नीचे जाता तो एक रास्ता बनाते हुए जाता है और जब फिर ऊपर आता है तो फिर एक रास्ता बनाते हुए ऊपर आता है ! इसका परिणाम ये होता है की ये छोटे छोटे छिद्र जब केंचुआ तैयार कर देता है तो बारिश का पानी एक एक बूंद इन छिद्रो से होते हुए तल मे जमा हो जाता है । मतलब *water recharging (भुगर्भजल संवर्द्धन) का काम पूरी दुनिया मे कोई करता है तो वो केंचुआ है* जो यूरिया के कारण मर जाता है इसलिए यूरिया डालना मतलब किसान के लिए आत्मह्त्या करने के बराबर है । केंचुआ किसान का सबसे बड़ा मित्र है|  जीवामृत डालने से फायदा क्या होता है ?  एक देशी केंचुआ लगभग 1 लाख बच्चे पैदा करता है । एक ने एक लाख पैदा कर दिये अब वो एक एक लाख आगे एक एक लाख पैदा करेंगे करोड़ो केंचुए हो जाएंगे अ...

धरती पर भगवान हैं प्रमाणिकता सिद्ध किये गये लोगो के अनुभव देखे व परखे || you are feeling and see gods in Earth || - Blog 04

|| धरती पर भगवान हैं प्रमाणिकता सिद्ध किये गये लोगो के अनुभव  देखे व परखे || you are feeling and see gods in Earth ||  १. *"अमरनाथजी"* में शिवलिंग अपने आप बनता है। २. *"माँ ज्वालामुखी"* में हमेशा ज्वाला निकलती है। ३. *"मैहर माता मंदिर"* में रात को आल्हा अब भी आते हैं। ४. सीमा पर स्थित *"तनोट माता मंदिर"* में 3000 बम में से एक का भी ना फूटना। ५. इतने बड़े हादसे के बाद भी *"केदारनाथ मंदिर"* का बाल ना बांका होना। ६. पूरी दुनियां मैं आज भी सिर्फ *"रामसेतु के पत्थर"* पानी में तैरते हैं। ७. *"रामेश्वरम धाम"* में सागर का कभी उफान न मारना। ८. *"पुरी के मंदिर"* के ऊपर से किसी पक्षी या विमान का न निकलना। ९. *"पुरी मंदिर" की पताका हमेशा हवा के विपरीत* दिशा में उड़ना। १०. *उज्जैन में "भैरोंनाथ" का मदिरा पीना।* ११. *गंगा और नर्मदा माँ (नदी) के पानी का कभी खराब* न होना। १२,  *श्री राम नाम धन संग्रह बैंक में संग्रहीत इकतालीस अरब राम नाम मंत्र पूरित ग्रंथों को (कागज होने पर ...

गोबर की खाद FYM Farm Yard Manure - Blog 03

गोबर की खाद से क्यों उत्पादन ज्यादा होता है ?? उसे जानना बहुत जरूरी है ये बात भारत का हर किसान समझ जाए पूरा भारत दुबारा खुशहाल हो जाएगा !* N-0.5% P -0.3 % K-0.5% Discover C N Acharys गोबर की खाद जब हम खेत मे डालते है तो होता क्या है ?? दरअसल गोबर जो है वो बहुत तरह के जीव जन्तुओ का भोजन है और यूरिया भोजन नहीं जहर है आपके खेत मे एक जीव होता है जिसे केंचुआ कहते हैं केंचुआ को कभी पकड़ना और उसके ऊपर थोड़ा यूरिया डाल देना आप देखोगे केंचुआ तरफना शुरू हो जाएगा और तुरंत मर जाएगा ! जब हम टनों टन यूरिया खेत मे डालते है करोड़ो केंचुए मार डाले हमने यूरिया डाल डाल के !! केंचुआ करता क्या है ?? केंचुए मिट्टी को नरम बनाते है पोला बनाते है उपजाऊ बनाते हैं केंचुए का कम क्या है ?? ऊपर से नीचे जाना ,नीचे से ऊपर आना पूरे दिनमे तीन चार चक्कर वो ऊपर से नीचे ,नीचे से ऊपर लगा देता है ! अब जब केंचुआ नीचे जाता तो एक रास्ता बनाते हुए जाता है और जब फिर ऊपर आता है तो फिर एक रास्ता बनाते हुए ऊपर आता है ! तो इसका परिणाम ये होता है की ये छोटे छोटे छिद्र जब केंचुआ तैयार कर देता है तो बारिश का पानी एक एक बूंद इन छिद्रो ...