खंडवा के प्रमुख तीर्थ स्थल और मंदिर | Major pilgrimage sites and temples of Khandwa


खंडवा (मध्य प्रदेश) के प्रमुख तीर्थ स्थल और मंदिरों की सूची, जो धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं:


🔱 खंडवा के प्रमुख तीर्थ स्थल और मंदिर

1. 🕉 ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग

  • स्थिति: नर्मदा नदी के मध्य स्थित मांधाता द्वीप पर

  • विशेषता: 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, शिवभक्तों के लिए अत्यंत पवित्र

  • मुख्य आकर्षण: परिक्रमा पथ, पंचमुखी गणेश, सिद्धनाथ मंदिर, नर्मदा घाट


2. 🛕 नगरकोट दुर्गा मंदिर, खंडवा शहर

  • विशेषता: नगर की अधिष्ठात्री देवी के रूप में पूजी जाती हैं

  • नवरात्रि में विशेष मेले और उत्सव होते हैं

  • यह मंदिर खंडवा रेलवे स्टेशन के समीप स्थित है


3. 🙏 दत्त मंदिर, खंडवा (Dada Darbar)

  • विशेषता: श्रीगुरु दत्तात्रेय जी का मंदिर

  • मंगलवार और गुरुवार को विशेष भीड़

  • संतों और भक्तों के लिए साधना स्थल


4. 🕉 मुक्तेश्वर मंदिर, हरसूद मार्ग

  • पुराना शिव मंदिर, प्राकृतिक परिवेश में स्थित

  • यहाँ शिवरात्रि पर विशेष आयोजन होता है


5. 🌊 चौरागढ़ तीर्थ

  • स्थिति: सतपुड़ा पर्वत श्रंखला में स्थित

  • मुख्य विशेषता: यहाँ शिव भक्त “त्रिशूल” चढ़ाने की परंपरा निभाते हैं

  • ट्रेकिंग करने वालों और भक्तों के लिए यह स्थान आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर है


6. 🔔 अशापुरा माता मंदिर, हरसूद क्षेत्र

  • स्थानीय श्रद्धा का केंद्र

  • नवरात्रि पर विशेष दर्शन और मेला


7. 🎶 कैलाशवासी किशोर कुमार समाधि स्थल

  • स्थिति: खंडवा शहर

  • यह स्थान प्रसिद्ध पार्श्वगायक किशोर कुमार जी की अंतिम विश्राम स्थली है

  • संगीत प्रेमियों के लिए तीर्थ समान स्थान


8. 🌿 नर्मदा घाट, मोरटक्का

  • ओंकारेश्वर के निकट स्थित

  • धार्मिक स्नान व नर्मदा पूजा के लिए प्रमुख स्थान


9. 🕍 हनुमान मंदिर, बड़वाह और पंधाना

  • Tuesdays and Saturdays को विशेष पूजा

  • स्थानीय लोगों की गहरी आस्था


10. 🔯 सिंधी समाज के लक्ष्मीनारायण मंदिर, खंडवा

  • सुंदर वास्तुकला

  • रामनवमी, दीपावली और जन्माष्टमी पर विशेष आयोजन


🔚 निष्कर्ष:

खंडवा सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का केंद्र है। यहाँ के तीर्थ स्थल भक्तों को शांति, भक्ति, और प्रकृति का सौंदर्य एक साथ प्रदान करते हैं।


खंडवा और उसके आस-पास के क्षेत्रों में कई संतों और तपस्वियों से जुड़े मंदिर और स्थान हैं, जो भक्तों के लिए अत्यंत श्रद्धा और प्रेरणा का केंद्र हैं। नीचे दिए गए हैं खंडवा जिले के प्रमुख संत मंदिर और धार्मिक स्थल:


🙏 खंडवा के प्रमुख संत मंदिर और आध्यात्मिक स्थल

1. 🌟 दादा दरबार (गुरु दत्त मंदिर), खंडवा

  • यह श्री दत्तात्रेय जी से जुड़ा प्रमुख मंदिर है।

  • यहाँ "दादा जी" के रूप में संत का पूजन होता है।

  • हर गुरुवार को यहाँ भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

  • दादा दरबार परिसर में भंडारे और सत्संग नियमित रूप से होते हैं।


2. 🔱 गुरु रामेश्वर महाराज धाम, मोरटक्का (नर्मदा किनारे)

  • संत रामेश्वर महाराज की तपोभूमि।

  • शांति, साधना और सेवा का केंद्र।

  • नर्मदा किनारे स्थित इस स्थल पर ध्यान व गुरुवाणी सुनना विशेष अनुभव होता है।


3. 🌸 संत श्री रामलाल जी महाराज आश्रम, पंधाना रोड

  • संत रामलाल जी ने यहाँ वर्षों तक साधना की थी।

  • आश्रम में भक्तों के लिए सत्संग, कीर्तन और साधना स्थल उपलब्ध है।


4. 🌿 संत श्री नर्मदानंद जी महाराज आश्रम, खालवा क्षेत्र

  • नर्मदा परिक्रमा मार्ग में स्थित यह आश्रम नर्मदा साधकों का विश्राम स्थल है।

  • यहाँ नर्मदा सेवा, स्वच्छता अभियान और गौसेवा नियमित रूप से होती है।


5. 🔔 संत तुकाराम महाराज मंदिर, सिंधी कॉलोनी, खंडवा

  • यह महाराष्ट्र के महान संत तुकाराम जी को समर्पित है।

  • भजन मंडलियों और कीर्तन का केंद्र है।

  • विशेष आयोजन: तुकाराम बीज, नाम सप्ताह


6. ✨ संत एकनाथ महाराज यात्रा स्थल (निकटवर्ती)

  • खंडवा के निकट कुछ ग्रामों में संत एकनाथ की यात्रा से जुड़े स्थल हैं।

  • महाराष्ट्र सीमा पर स्थित गांवों में एकनाथ महाराज की उपस्थिति की लोककथाएं प्रचलित हैं।


7. 🕯 नर्मदापुरम मार्ग पर तपस्वी बाबा की गुफा (गुप्त स्थान)

  • यह स्थान पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है, जहां स्थानीय संतों ने वर्षों तक एकांत साधना की थी।

  • अब यह स्थल श्रद्धालुओं के लिए खुला है, परंतु शांत वातावरण बनाए रखना आवश्यक है।


8. 🛕 संत शिवानंद जी आश्रम, हरसूद मार्ग

  • यह आश्रम आध्यात्मिक प्रवचनों, योग, और ध्यान क्रियाओं के लिए प्रसिद्ध है।

  • शिवरात्रि, गुरुपूर्णिमा और संक्रांति पर आयोजन होते हैं।


📜 सामान्य विशेषताएं इन स्थलों की:

तत्व विशेषता
🙏 भक्ति संतों की साधना भूमि
📿 साधना ध्यान, योग, मौन साधना
📖 ज्ञान ग्रंथ पाठ, प्रवचन, भजन
🌿 सेवा गौसेवा, भंडारा, चिकित्सा सेवा
🕉 शांति आध्यात्मिक उन्नति का माहौल

🧭संत सिंगाजी जी मध्यप्रदेश के महानतम संतों में से एक हैं, और खंडवा क्षेत्र की संत परंपरा में उनका बहुत ही ऊँचा स्थान है। आइए विस्तार से जानते हैं:


🙏 संत सिंगाजी महाराज – लोकभक्ति और संत परंपरा के महान प्रतीक

🧘‍♂️ परिचय:

  • संत सिंगाजी 15वीं शताब्दी के महान संत और भक्त कवि थे, जो निमाड़ क्षेत्र (खंडवा-बड़वानी) के ग्रामीण समाज में भक्ति और सेवा का संदेश लेकर आए।

  • वे ग्वालों (ग्वाल समाज) से थे और गायों की सेवा करते हुए राम-नाम और सत्संग में लीन रहते थे।

  • उन्होंने जीवन भर गरीबों, दलितों और किसानों के कल्याण के लिए भक्ति और समर्पण का मार्ग दिखाया।


📍 स्थान: संत सिंगाजी समाधि स्थल – पिपलिया (डोलरिया, खंडवा जिला)

  • यह स्थल इंदिरा सागर बांध के पास स्थित है और संत जी की समाधि यही पर है।

  • हर वर्ष संत सिंगाजी मेला यहाँ आयोजित होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं।


🔱 विशेषताएं:

  • राम भक्ति, समर्पण, और सामाजिक समरसता का संदेश दिया।

  • संत सिंगाजी की भजन परंपरा आज भी गांवों में गाई जाती है।

  • उनकी लोकभाषा में रचित वाणी आज भी लोगों को प्रेरित करती है।

  • उनके नाम पर ग्राम और शिक्षण संस्थान भी स्थापित किए गए हैं।


🎉 संत सिंगाजी मेला:

  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन भव्य मेला लगता है।

  • मेले में पद यात्रा, भजन संध्या, कवि सम्मेलन, गौसेवा, और संत संगोष्ठी होती है।

  • यह मेला अखंड निमाड़ की सांस्कृतिक पहचान बन गया है।


📖 लोकमान्य वाणी के कुछ उदाहरण:

“राम नाम की ओट कर, सिंगाजी अनादि बासा।”
“गऊ रक्षण करियो, भाग्य सुधर जासी।”


🛕 संत सिंगाजी विद्युत परियोजना (M.P. Power Gen.)

  • संत जी के सम्मान में नर्मदा नदी के पास स्थापित थर्मल पॉवर स्टेशन को उनका नाम दिया गया है।


🔚 निष्कर्ष:

संत सिंगाजी जी केवल धार्मिक संत नहीं थे, वे जनजागरण, सामाजिक समरसता और भक्ति आंदोलन के अग्रदूत थे। उनका संदेश आज भी निमाड़ और संपूर्ण मध्यप्रदेश की आत्मा में जीवित है।


संत सिंगाजी महाराज से जुड़ी लोकभक्ति गीतों की लोकप्रिय सूची, जिन्हें मध्यप्रदेश के निमाड़ अंचल में आज भी भक्तगण प्रेम और श्रद्धा से गाते हैं। ये गीत निमाड़ी लोकभाषा, मालवी, और हिंदी मिश्रित शैली में होते हैं और अक्सर भजन मंडलियों द्वारा ढोलक, मंजीरा, खंजरी के साथ गाए जाते हैं।


🎶 संत सिंगाजी महाराज के लोकप्रिय भक्ति गीतों की सूची:

🔹 1. राम नाम की ओट कर, सिंगाजी अनादि बासा

यह गीत संत जी की राम भक्ति और एकांत साधना को दर्शाता है।


🔹 2. गऊ रक्षण करियो, भाग्य सुधर जासी

गौसेवा पर आधारित यह भजन ग्रामीण परिवेश में बहुत प्रसिद्ध है।


🔹 3. पिपलिया बसो संत सिंगाजी, सबको दिया उजास

यह गीत उनकी समाज सेवा और अंधकार में उजाला लाने की भूमिका का गुणगान करता है।


🔹 4. राम नाम रस पीवो रे भाई

यह एक भजन मंडली में सामूहिक रूप से गाया जाने वाला उत्साहवर्धक गीत है।


🔹 5. जो राम सुमिरन करै सदा, संत संग बसै मनवा

संत सिंगाजी की वाणी से प्रेरित एक आत्मा की शुद्धि की बात करता है।


🔹 6. राम भजण साचो धंधो, और सब माया जाल

यह गीत वैराग्य और सच्चे धर्म की ओर प्रेरित करता है।


🔹 7. सिंगाजी के द्वार चलो रे प्यारे, कर भक्ति का वास

तीर्थयात्रा और सिंगाजी की समाधि यात्रा को लेकर गाया जाता है।


🔹 8. गोठ में बैठा संत सिंगाजी, गावै राम नाम

ग्रामीण गोठान संस्कृति में ध्यान, साधना और कथा वाचन का वर्णन।


🔹 9. म्हारा गांव में उजियारो करियो, सिंगाजी महाराज

यह भजन अंधकार से प्रकाश की ओर संत की प्रार्थना है।


🔹 10. जय जय संत सिंगाजी, निमाड़ के रतन

यह एक स्तुति गीत है, जो मेलों और उत्सवों में गाया जाता है।


📌 विशेष बातें:

  • कई गीत गायन मंडलियां द्वारा ढोलक, झांझ, हारमोनियम के साथ गाए जाते हैं।

  • कार्तिक पूर्णिमा पर संत सिंगाजी मेले में ये भजन मंडलियों द्वारा संपूर्ण रात भजन होते हैं।

  • कुछ गीतों को आकाशवाणी इंदौर, रीवा, और आंचलिक लोकगीत कार्यक्रमों में प्रसारित भी किया गया है।



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