डी.ए.पी. तथा एन.पी.के. में बेहतर कौन है | DAP vs NPK - Blog 144

डी.ए.पी.(DAP) तथा एन.पी.के.(NPK) में बेहतर कौन है ?
एनपीके (NPK) और डीएपी (DAP) उर्वरक क्या है ?
एनपीके व डीएपी का फुल फॉर्म, उपयोग व लाभ

डी.ए.पी.(DAP) तथा एन.पी.के.(NPK) में बेहतर कौन है ? भारतीय कृषि में उर्वरक (खाद) का एक मत्वपूर्ण स्थान है | किसी भी तरह की फसल हो उसमें खाद का प्रयोग जरूर करते हैं | किसान भाई ज्यादा तर बुवाई के समय DAP तथा NPK खाद का ही प्रयोग करते हैं बिना यह जाने की इनके प्रयोग से उन्हें क्या फायदा या नुकसान है | अक्सर किसानों के पास दोनों खादों को लेकर एक ही  सवाल रहता है की दोनों में से बेहतर कौन है तथा किस फसल के लिए कौन सी खाद ज्यादा उपयोगी है | किसान समाधान आप के लिए दोनों खादों के बारे में जानकारी लेकर आया है | 

डी.ए.पी.(DAP)  
खाद DAP का पूरा नाम diammonium phosphate होता है | इसमें 18% नाईट्रोजन तथा 46% फास्फोरस होता है | इस18% नाईट्रोजन में से 15.5% अमोनियम नाईट्रेट होता है तथा 46% फास्फोरस में से 39.5% फास्फोरस पानी में घुलनशील होता है | बचा हुआ फास्फोरस मिट्टी में ही घुलता है | डाई अमोनियम फास्फेट (डी.ए.पी.) की पहचान किसान भाई नीचे दिए गए गुणों से कर सकते हैं |

सख्त, दानेदार, भूरा, काला, बादामी रंग नाखूनों से आसानी से नहीं छूटता। 
डी.ए.पी. के कुछ दानों को लेकर तम्बाकू की तरह उसमें चूना मिलाकर मलने पर तीक्ष्ण गन्ध निकलती है, जिसे सूंघना असह्य हो जाता है। 
तवे पर धीमी आंच में गर्म करने पर दाने फूल जाते है।

एन.पी.के.(NPK) खाद NPK खाद तीन तरह के अनुपात में आटे हैं जो खाद के पैकेट पर लिखा रहता है | 18:18:18 , 19:19:19 तथा 12:32:16: के अनुपात में लिखा रहता है | इसमें पहला अंक नाईट्रोजन दूसरा अंक फास्फोरस तथा तीसरा अंक पोटेसियम होता है | ज्यादातर किसान 12:32:16 का ही प्रयोग करते हैं | इसमें 12% नाईट्रोजन, 32% फास्फोरस तथा 16% पोटैशियम होता है | अभी कुछ समय से जिंक कोटेड रहने पर 0.5% जिंक की मात्रा रहती है | यूरिया अथवा NPK खाद की पहचान किसान भाई नीचे दिए गए गुणों से कर सकते हैं |

सफेद चमकदार, लगभग समान आकार के गोल दाने। पानी में पूर्णतया घुल जाना तथा घोल छूने पर शीतल अनुभूति। गर्म तवे पर रखने से पिघल जाता है और आंच तेज करने पर कोई अवशेष नही बचता। उपयोग दोनों खाद दानेदार रहती है इसलिए दोनों खाद को बीज की बुवाई के समय प्रयोग करें | NPK NPK (12:32:16) का प्रयोग दानेदार फसल के लिए करें जैसे धान ,मुंग, उड़द, गेंहू इत्यादी | क्योंकि इसमें 16% पोटैसियम रहता है जिससे फसल के दानों में चमक तथा वजन बढ़ाने में मदद करता है |

DAP एक बात ध्यान देने की बात है की DAP में पोटैशियम नहीं होता है | जिस कारण दानेदार फसलों के लिये उतना उपयुक्त नहीं है जितना की NPK होता है | इसलिए  आप इसका  प्रयोग फूल वाली फसल सब्जियों के लिए कर सकते हैं | एक बात यह है की NPK घुलनशील है जबकि DAP नहीं है | इसलिए डी.ए.पी. कुछ समय के बाद मिटटी में मिलने के बाद पौधों में असर दिखता है | NPK हल्की जमीन के लिए उपयोग करना ज्यादा अच्छा रहता है जबकि डी.ए.पी. भारी जमीन के लिए उपयोग करना ज्यादा अच्छा रहता है | अगर एक ही तरह की जमीन है तो फिर NPK उपयोग करना ज्यादा जरुरी है | अगर DAP में MOP (60% वाला) मिलायें तो अच्छा रिजल्ट देता है | DAP में MOP की मात्र 1:1/3 के अनुपात में होना चाहिए | इसका मतलब यह हुआ की एक भाग DAP तथा 1/3 भाग MOP होना चाहिए |

खाद के कारण कृषि पर आने वाला खर्च DAP एक पैकेट (50 किलोग्राम) का कीमत 1400 रुपया होता है | जबकि MOP(60%) का कीमत 50 किलोग्राम का कीमत 850 रुपया होता है | जो 1:1/3 के अनुपात में  1650 रुपया होता है | दूसरी तरफ 12:32:16 के 50 बोरी के पैकेट की कीमत 1450 रुपया होता है | 
कुल मिलाकर देखा जाय तो NPK एवं DAP दोनों ही अच्छे हैं यह निर्भर करता है आप कब एवं किस तरह इसका प्रयोग करते हैं |
डीएपी और एनपीके बहुत ही महत्वपूर्ण उर्वरक हैं। हम उन्हें कृषि में फसलों के लिए पोषक तत्वों के स्रोत के रूप में उपयोग करते हैं। डीएपी और एनपीके उर्वरक के बीच मुख्य अंतर यह है कि डीएपी उर्वरक में पोटेशियम नहीं होता है जबकि एनपीके उर्वरक में पोटेशियम भी होता है।

Source: डी.ए.पी.(DAP) तथा एन.पी.के.(NPK) में बेहतर कौन है ? - Kisan Samadhan (https://kisansamadhan.com/who-is-better-in-dap-and-npk/)


किसान अपने खेतों में अच्छी उपज के लिए एनपीके (NPK) और डीएपी (DAP) उर्वरक का इस्तेमाल करते है, इससे किसानो द्वारा खेतों में बोये जाने वाले खाद्य पदार्थो को बड़ी मात्रा में पोषक मिलता है, जिससे खेतों में बोयी गई फसल भी किसानो को बड़ी मात्रा में प्राप्त हो होती है | इसलिए यदि आप एक किसान है, और आप एनपीके (NPK) और डीएपी (DAP) उर्वरक के विषय में किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो यहाँ पर आपको एनपीके व डीएपी का फुल फॉर्म और इसका उपयोग व लाभ से सम्बंधित जानकारी से अवगत कराया गया है |

एनपीके (NPK) उर्वरक क्या है ?
यदि किसान NPK उर्वरक यानि कि एनपीके खाद का इस्तेमाल करते है, तो किसानो को यह उर्वरक तीन तरह के अनुपात में ही प्रदान किये जाते हैं, क्योंकि उर्वरक भंडार में यह उर्वरक अधिकतर तीन तरह के ही अनुपात में बेचा जाता है | आपने देखा होगा कि जब आप उर्वरक के पैकेट को उर्वरक भण्डार से लेते है, तो उस पैकेट के ऊपर 18:18:18, 19:19:19 तथा 12:32:16: के अनुपात में लिखे हुए होते है | पहला अंक नाईट्रोजन के लिए होता है, दूसरा अंक फास्फोरस तथा तीसरा अंक पोटैसियम के लिए होता है | इसलिए किसान अपने काम के मुताबिक़, किसी एक उर्वरक को खरीद लेते है | वैसे तो अधिकतर किसान 12:32:16 यानि कि, पोटैसियम का ही इस्तेमाल के लिए खरीदते हैं |

इस अनुपात के उर्वरक में 12% नाईट्रोजन, 32% फास्फोरस तथा 16% पोटैशियम का मिश्रण पाया जाता है | किसान एनपीके उर्वक का इस्तेमालगाजर, आलू, प्याज, मूली आदि के लिए  कर सकते हैं, लेकिन किसान डीएपी उर्वरक का इस्तेमाल अधिक करते है, क्योंकि इसमें एनपीके उर्वरक में फास्फोरस की मात्र DAP से 14% कम पायी जाती है |

एनपीके उर्वरक की पहचान
एनपीके उर्वरक के दाने अधिकतर सफेद चमकदार दिखाई देते है, और साथ ही इस उर्वरक की आकृति गोल होती है |
यदि आप इस उर्वक के दाने को पानी में डालते है, तो पानी में इसके दाने पूरी तरह से घुल जाते है और इसके बाद वह घोल ठंडा और शीतल हो जाता है ।
यदि आप एनपीके उर्वरक के कुछ दानो को गर्म तवे पर रखते है, तो इसमें आपको एक भी दाना नहीं दिखाई देगा, क्योंकि यह गर्म करने पर पूरी तरह से पिघल जाता है |

एनपीके का फुल फॉर्म क्या है ?
एनपीके का फुल फॉर्म नाइट्रोजन फास्फोरस एंड पोटेशियम (Nitrogen Phosphorus and Potassium) होता है | इस उर्वरक का इस्तेमाल मुख्य रूप से किसानो द्वारा फल, फूल जैसे सब्जियों की अच्छी उपज के लिए किया जाता है |

एनपीके का उपयोग
NPK का उपयोग प्रमुख रूप से दानेदार धान, मूंग, उड़द, गेंहू आदि फसलो के लिए किया जाता है | इस उर्वरक में 16% पोटैसियम पाया जाता है | इस उर्वरक में पाए जाने वाला पोटेशियम से उगाने वाली फसलो के दानों में चमक आती है, और साथ ही उनका वजन बढ़ाने में भी यह मददगार साबित होता है |

एनपीके के लाभ
एनपीके उर्वरक में सबसे ख़ास बात उसमें पाए जाने वाला नाइट्रोजन तत्व होता है, जिसकी वजह से पौधों की बढ़ाने की क्षमता बढ़ती है |
एनपीके उर्वरक का इस्तेमाल करने से जड़ों को तेजी के साथ बढ़ाने में मदद मिलती है।
इस उर्वरक में पाए जाने वाले नाइट्रोजन पौधे के हरे रंग क्लोरोफिल को बढ़ाने का काम करता है |
इस उर्वरक का छिड़काव करने से पौधों को कई तरह के रोगों से बचाया जा सकता है |
यह ऐसा उर्वरक होता है, जो मुख्य रूप से पौधों में विटामिन की पूर्ति करता है |
एनपीके उर्वरक
एनपीके एक ऐसा उर्वरक है, जो भूमि के तीनों तत्व के लिए प्रमुख माना जाता है | इसलिए एनपीके उर्वरक का इस्तेमाल करने से फसल में अच्छी पैदावार भी होती है और इसके साथ ही मिट्टी की उर्वरक शक्ति बढ़ाने में मददगार साबित होती है|
वहीं, एनपीके उर्वरक घुलनशील होता है |



डीएपी (DAP) उर्वरक क्या है ?
डीएपी उर्वरक एनपीके उर्वरक से अधिक बेहतर माना जाता है, इसलिए डीएपी उर्वरक का इस्तेमाल किसानो द्वारा अधिक किया जाता है | वहीं यदि हम डीएपी के फुल फार्म की बात करें तो इसका पूरा नाम डाई अमोनियम फास्फेट है, लेकिन किसान इसे डीएपी उर्वरक के नाम से अधिक जानते है | इस उर्वरक में प्रमुख रूप से क्षारीय प्रकृति का रासायनिक उर्वरक (Chemical Fertilizer) पाया जाता है | इस उर्वरक का इस्तेमाल 1960 से शुरू कर दिया गया था, जिसका इस्तेमाल किसानो द्वारा सब उर्वरकों से अधिक किया जाता है, क्योंकि डीएपी में18% नाईट्रोजन तथा 46% फास्फोरस का मिश्रण पाया जाता है और इसके साथ ही इसमें 18% नाईट्रोजन में से 15.5% अमोनियम नाईट्रेट भी पाया जाता है |

डीएपी उर्वरक की पहचान
डीएपी उर्वरक कई तरह के रंगों में पायी जाती है जैसे- सख्त, दानेदार, भूरा, काला, बादामी आदि | ये उर्वरक के ऐसे रंग होते है, जो आसानी पूर्वक नाखूनों से नहीं निकाले जा सकते है |
यदि किसान डी.ए.पीके कुछ दानों को अपने हाथो में लेकर और उसमें चूना मिलाकर उसे मलकर चेक करते है, तो उसमेंबहुत ही तेजी के साथ असहनीय तीक्ष्ण गन्ध निकलती है |
यदि डीएपी उर्वरक को तवे पर धीमी आंच में गर्म करते है, तो डीएपी के दाने पूरी तरह से फूल जाते है |

डीएपी आ फुल फॉर्म क्या है ?
डीएपी का फुल फॉर्म डाई अमोनियम फास्फेट (Dia Ammonia Phosphate) होता है | किसानो द्वारा इस उर्वरक इस्तेमाल खाद्य पदार्थों के उत्पादन के लिए जाता है |

डीएपी का उपयोग
अधिकतर किसान डीएपी उर्वरक का इस्तेमाल अधिक करते है | किसान लोग इस खाद का उपयोग आलू, गाजर, मूली, सकरकंद, प्याज आदि की अच्छी उपज के लिए करते है |

डीएपी के लाभ
यह उर्वरक किसानो द्वारा खेती में अच्छी उपज के लिए अधिक इस्तेमाल किया जाता है |
इस उर्वरक का इस्तेमाल करने से खेतों में खाद्य पदार्थों का अच्छे से उत्पादन होता है |
इस उर्वरक में 18% नाईट्रोजन तथा 46% फास्फोरस का मिश्रण पाए जाने के कारण किसी भी फसल का नुकसान नहीं होता है |

डीएपी  उर्वरक
DAP उर्वरक घुलनशील नहीं होता है |
डी.ए.पी. उर्वरक घुलनशील न होने की वजह से मिट्टी में मिलने के बाद भी पौधों में दिखाई देता है |

Source : https://www.nibsm.org.in/what-is-the-difference-between-npk-and-dap/

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