चीजों की इंटरनेट | वस्तु अंतरजाल | इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स | Internet of things (IOT) - Blog 139
Internet of things (IOT) : चीजों की इंटरनेट, वस्तु अंतरजाल, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स
Internet of things meaning is the idea or network of physical objects that are connected to the internet and can send and receive data These objects can be anything from household gadgets to industrial tools. They use sensors, software, and other technologies to collect data about the physical world. They do not need much human intervention to communicate with other devices and systems. Internet of things meaning is not a single, universal definition, but a concept that has evolved from several technology market trends.
- IoT का पूरा नाम Internet of Things (इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स) है। इसका इस्तेमाल सेंसर , सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी की मदद से Data को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में ट्रान्सफर करने के लिए किया जाता है।
- Internet of Things का मतलब है “इंटरनेट का प्रयोग करके devices को एक्सेस करना और कंट्रोल करना”
- इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स के द्वारा हम devices को इंटरनेट की सहायता से एक्सेस कर सकते हैं और उन्हें कंट्रोल कर सकते हैं।
- दूसरे शब्दों में कहें तो, “वो सभी physical devices जो इंटरनेट से जुड़ी हुई है और जो डाटा को collect और share करती हैं। IoT कहलाती है।”
- Internet of Things में things का मतलब है, “इंटरनेट से connect हुई वो सभी चीजें जिन्हें हम अपनी life में रोज इस्तेमाल करते हैं जैसे कि- मोबाइल फोन, स्मार्ट वाच, घर मे लगा पंखा, और कार आदि।” इन सभी चीजों को हम इंटरनेट से connect करके एक्सेस कर सकते हैं।
वस्तु अंतरजाल भौतिक वस्तुओं, वाहनों, घरों, भवनों, वस्त्रों, बल्ब जैसे यंत्रों और अन्य चीज़ों को अंतरजाल में प्रयोग होने वाली इंटर-नेटवर्किंग तकनीकों से अंतरजाल पर लाने से बनने वाले अधिक विस्तृत अंतरजाल को कहते हैं। इस से पहले केवल कम्प्यूटर और उनके परिधीय यंत्र ही अंतरजाल पर उपस्थित थे।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता, कृषि में सटीकता, मशीन लर्निंग, नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान इन एग्रीकल्चर।
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत सरकार ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence- AI) का उपयोग करके कृषि से संबंधित विभिन्न पहलें की हैं।
IoT एक कंप्यूटिंग अवधारणा है जो रोज़मर्रा की भौतिक वस्तुओं के इंटरनेट से जुड़े होने और अन्य उपकरणों या डिवाइसेस में खुद को पहचानने में सक्षम होने की तकनीक का वर्णन करती है।
कृषि क्षेत्र में IoT और AI की आवश्यकता:
भले ही देश की लगभग 58% आबादी की आजीविका के लिये कृषि एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र बना हुआ है, लेकिन इस क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को अपनाना आसान नहीं है और यह मूल्य शृंखला में कई चुनौतियों का सामना करता है।
इन चुनौतियों के लिये व्यवधानकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है जो कि IoT और AI आदि जैसे तकनीकी समाधानों द्वारा प्रदान किया जा सकता है।
AI प्रौद्योगिकियों को अपनाने से उपलब्ध संसाधनों के इष्टतम उपयोग के साथ उच्च उत्पादन का मार्ग प्रशस्त हो सकता है और पूर्वानुमानित विश्लेषण, फसल स्वास्थ्य प्रबंधन, गुणवत्ता और ट्रेसेबिलिटी को बढ़ाने की सुविधा मिल सकती है।
देश में नवीन और परिवर्तनकारी स्मार्ट कृषि पद्धतियों को अपनाना धीरे-धीरे एक प्रमुख प्रवृत्ति बन रही है।
हाल के वर्षों में विश्व स्तर पर प्रौद्योगिकी प्रगति कृषि मूल्य शृंखला के अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम सेगमेंट दोनों को फिर से अद्यतन कर रही है, जो कृषि में नवाचार को अपनाने के लिये महत्त्वपूर्ण बनाती है।
AI में IoT, मशीन लर्निंग (ML), क्लाउड कंप्यूटिंग, स्टैटिस्टिकल कंप्यूटिंग, डीप लर्निंग, वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियाँ कृषि क्षेत्र को उत्पादकता, गुणवत्ता, ट्रेसेबिलिटी और कार्बन उत्सर्जन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बना सकती हैं।
कृषि में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग:
कृषि डेटा का विश्लेषण:
कृषि के विभिन्न घटकों में प्रतिदिन सैकड़ों और हज़ारों प्रकार के डेटा (जैसे- मृदा, उर्वरकों का प्रभाव, मौसम, कीटों या रोग से संबंधित डेटा आदि) उपलब्ध होते हैं। AI की सहायता से किसान प्रतिदिन वास्तविक समय में कई तरह के डेटा (जैसे- मौसम की स्थिति, तापमान, पानी के उपयोग या खेत से एकत्रित मिट्टी की स्थिति आदि) विश्लेषण और समस्याओं की पहचान कर बेहतर निर्णय ले सकेंगे।
विश्व के विभिन्न हिस्सों में कृषि में सुधार और उत्पादकता बढ़ाने के लिये किसानों द्वारा मौसम की सटीकता के पूर्वानुमान का मॉडल तैयार करने के लिये AI का उपयोग किया जा रहा है।
कृषि में सटीकता (Precision Agriculture):
कृषि में अधिक सटीकता लाने हेतु पौधों में बीमारियों, कीटों और पोषण की कमी आदि का पता लगाने के लिये कृषि में A I तकनीक का उपयोग किया जाता है।
AI सेंसर खरपतवारों की पहचान कर सकते हैं और फिर उनकी पहचान के आधार पर उपयुक्त खरपतवारनाशक का चुनाव कर उस क्षेत्र में सटीक मात्रा में खरपतवारनाशक का छिड़काव कर सकते हैं।
यह प्रक्रिया कृषि में विषाक्त पदार्थों के अनावश्यक प्रयोग को सीमित करने में सहायता करती है, गौरतलब है कि फसलों में अत्यधिक कीटनाशक या खरपतवारनाशक के प्रयोग से मानव स्वास्थ्य के साथ प्रकृति पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
यह कृषि में सटीकता को अपनाकर उत्पादकता में वृद्धि करेगा।
श्रमिक चुनौती का समाधान:
कृषि आय में गिरावट के कारण इस क्षेत्र को श्रमिकों द्वारा बहुत ही कम प्राथमिकता दी जाती है, वस्तुतः कृषि क्षेत्र में कार्यबल की कमी एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है।
श्रमिकों की इस कमी को दूर करने में AI कृषि बाॅट्स (AI Agriculture Bots) एक उपयुक्त समाधान हो सकते हैं। ये बाॅट मानव श्रमिकों के कार्यों को अतिरिक्त समर्थन प्रदान करते हैं और इन्हें कई प्रकार से प्रयोग किया जा सकता है, उदाहरण के लिये:
ये बॉट मानव मज़दूरों की तुलना में अधिक मात्रा में और तेज़ गति से फसलों की कटाई कर सकते हैं, ये अधिक सटीक रूप से खरपतवारों को पहचान कर उन्हें हटाने में सक्षम हैं तथा इनके प्रयोग के माध्यम से कृषि लागत में भारी कमी की जा सकती है।
इसके अतिरिक्त किसानों द्वारा कृषि से जुड़े परामर्श के लिये चैटबॉट की भी सहायता ली जा रही है। कृषि के लिये विशेषज्ञों की सहायता से बनाए गए ये विशेष चैटबॉट विभिन्न प्रकार के सवालों के जवाब देने में मदद करते हैं और विशिष्ट कृषि समस्याओं पर सलाह एवं सिफारिशें प्रदान करते हैं।
संबंधित पहल:
नेशनल मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनरी साइबर फिजिकल सिस्टम्स (NM-ICPS):
इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018 में नए युग की प्रौद्योगिकियों में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिये पाँच साल की अवधि हेतु 3,660.00 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ लॉन्च किया गया था।
मिशन के तहत उन्नत प्रौद्योगिकी कार्यक्षेत्रों में देश भर में राष्ट्रीय महत्त्व के प्रमुख संस्थानों में 25 प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र (Technology Innovation Hubs- TIH) स्थापित किये गए हैं।
मिशन विकास के एक इंजन के रूप में कार्य कर सकता है जो स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, पर्यावरण, कृषि, रणनीतिक सह सुरक्षा और औद्योगिक क्षेत्रों, उद्योग 4.0, स्मार्ट शहरों, सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals- SDGs) आदि में राष्ट्रीय पहलों को लाभान्वित करेगा।
डिजिटल इंडिया पहल:
डिजिटल इंडिया पहल के तहत सरकार ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किये हैं, जिसका उद्देश्य भारत को नवाचार के लोकतंत्रीकरण और प्रोटोटाइप की प्राप्ति के माध्यम से IoT में एक नवाचार केंद्र के रूप में उभरने में सक्षम बनाना है।
IoT को लेकर उत्कृष्टता केंद्रों का मुख्य ध्यान कृषि-प्रौद्योगिकी पर है और यह स्टार्टअप्स, उद्यमों, उद्यम पूंजीपतियों, सरकार तथा शिक्षाविदों आदि विभिन्न संस्थाओं को जोड़ता है।
कृषि में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना:
AI और मशीन लर्निंग, IoT, ब्लॉकचेन आदि जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके डिजिटल कृषि परियोजनाओं के लिये राज्य सरकारों को वित्त प्रदान किया जाता है।
नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास:
यह कार्यक्रम वर्ष 2018-19 से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत संचालित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य वित्तीय सहायता प्रदान कर एवं ऊष्मायन (incubation) पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण करके नवाचार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करना है।
इस संबंध में देश भर में पाँच नॉलेज पार्टनर्स और 24 एग्रीबिज़नेस इन्क्यूबेटर्स नियुक्त किये गए हैं।
राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान, हैदराबाद
राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान, जयपुर
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली
कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़, कर्नाटक.
असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहाट, असम।
आगे की राह
हाल में किये गए सुधारों को देखते हुए कृषि क्षेत्र में बेहतर पैदावार और उत्पादकता के लिये अनुबंध खेती और प्रौद्योगिकी के समावेश में निवेश बढ़ने की संभावना है।
यह कृषि क्षेत्र में AI को अपनाने के साथ ही उसे प्रोत्साहित करेगा, AI समाधानों में मदद के लिये सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों से बड़े पैमाने पर निवेश किये जाने की आवश्यकता है।
भारत में एग्रीटेक स्टार्टअप्स के उद्भव में भारी वृद्धि देखी जा रही है, जो एक अनुकूल नीतिगत वातावरण के साथ-साथ उन्नत प्रौद्योगिकी के आगमन से प्रेरित है।
इसे कृषि पारिस्थितिकी तंत्र में AI, ML, IoT और ब्लॉकचैन जैसी उन्नत तकनीकों के आगमन के लिये शुरुआती बिंदु के रूप में देखा जा सकता है।
ये सामूहिक प्रौद्योगिकियाँ कृषि क्षेत्र हेतु एक वरदान हैं।
जब आपके स्मार्टफोन का अलार्म सुबह बजता है, तो आप उठते हैं और उस अलार्म को बंद करने के लिये टैप करते हैं जिससे आपका गीजर अपने आप चालू हो जाता है। आपके बाथरूम में स्मार्ट मिरर दिन के मौसम को दर्शाता है और आपके ओवरहेड टैंक में पानी के स्तर को भी दर्शाता है। जब आप नाश्ता बनाने के लिये अपने रेफ्रिजरेटर से कुछ किराने का सामान लेते हैं, तो यह उसमें स्टॉक की कमी को पहचानता है और ताज़ा किराने की वस्तुओं की आपूर्ति के लिये एक आदेश देता है। जब आप अपने घर से बाहर निकलते हैं और दरवाज़ा बंद करते हैं, तो सभी लाइट, पंखे, गीजर और एसी मशीनें अपने आप बंद हो जाती हैं। आपके कार्यालय के रास्ते में आपकी कार आपको आगे यातायात की भीड़ के बारे में चेतावनी देती है और एक वैकल्पिक मार्ग सुझाती है तथा यदि आप किसी बैठक के लिये देर से आते हैं तो यह आपके कार्यालय को एक संदेश भेजती है।
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