विश्व जल दिवस | वर्ल्ड वाटर डे | World Water Day - Blog 112
विश्व जल दिवस | वर्ल्ड वाटर डे | World Water Day
मीठे पानी के महत्व और इसके संसाधनों के स्थाई प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से 1993 से हर साल, विश्व जल दिवस (World Water Day) 22 मार्च को मनाया जाता है। यह ताजे पानी के महत्व को फैलाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा और साथ ही दुनिया भर में विभिन्न अन्य संगठनों द्वारा मनाया जाता है।
महत्व : विश्व जल दिवस का मुख्य उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य 6 (Sustainable Development Goal 6) प्राप्त करना है। इसमें 2030 तक सभी के लिए जल और स्वच्छता शामिल है।जीव-जंतु हो या मनुष्य इस धरती पर जीवित रहने के लिए स्वच्छ पानी सभी के लिए जरूरी है। परन्तु मानवीय हस्तक्षेप के कारण आज जिस तरह से शुद्ध जल का संकट सम्पूर्ण पृथ्वी पर मंडरा रहा है, ऐसे में मनुष्यों का अस्तित्व भी खतरे में पड़ने की पूरी संभावना है।
उद्देश्य : स्वच्छ जल संरक्षण और इसके
महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना
आवश्यकता
: 2050 तक, 5.7 बिलियन से अधिक लोग उन
क्षेत्रों में होंगे, जहां पानी दुर्लभ होगा। दुनिया भर में
पानी की मांग 2040 तक 50% तक बढ़
जाएगी। इसलिए, जल संरक्षण पर बल देना आवश्यक है। पृथ्वी पर
तेजी से घटते जलाशयों और लुप्त होते पीने योग्य पानी के स्रोतों को देखते हुए आज
जल संकट एक बड़ा मुद्दा बन गया है, ऐसे में लोगो की बढ़ती
जनसंख्या को ध्यान में रखें तो शुद्ध जल की उपलब्धता को हर इंसान तक पहुंचाना काफी
मुश्किल होता जा रहा है।
कई जगहों पर तो पीने के पानी की इतनी
किल्लत है कि वहां पानी को लेकर लड़ाइयां तक हो जाती है।
इसके आलावा अब तो यहाँ तक सुनने को मिलता है कि अगला विश्वयुद्ध स्वच्छ पानी को लेकर ही होगा।
विश्व जल दिवस 2022 की थीम: World
Water Day की शुरूआत से ही हर साल यह एक खास Theme (विषय) पर आधारित होता है, 22 मार्च 1993 को पहला जल दिवस ‘शहर के लिये जल‘ थीम के साथ मनाया गया था।
विश्व जल दिवस 2022 की थीम “भूजल – अदृश्य को दृश्यमान बनाना” (Groundwater: making the invisible visible) है। यह विषय ज़मीन के नीचे छिपे अदृश्य पानी के ख़जाने पर प्रकाश डालता है जो हमारे जीवन को समृद्ध करता है।
इतिहास
: 1992 में पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (United
Nations Conference on Environment and Development) में इस दिवस की
शुरुआत हुई थी। इस सम्मेलन में, संयुक्त राष्ट्र ने विश्व जल
दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित किया था। तब से कई इवेंट्स को जोड़ा गया है। इसमें 2013
में जल क्षेत्र में सहयोग का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष (International
Year of Cooperation in the Water Sphere) भी शामिल है। इसके अलावा,
वर्तमान में सतत विकास के लिए पानी पर अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दशक
(2018-28) (International Decade for Action on Water for Sustainable
Development) को भी मनाया जा रहा है।
वर्ल्ड वाटर डे कैसे मनाया जाता है?
विश्व जल दिवस कई जागरूकता कार्यक्रमों, तथा भाषण आदि जैसे क्रियाकलापों के आयोजन की मदद से मनाया जाता है। इस साल विश्व जल दिवस 2022 का डिजिटल अभियान #WorldWaterRun है। इस दिवस से संबंधित सभी कार्यक्रम लोगों को जल के महत्व, इसकी आवश्यकता तथा जल के लगातार प्रदूषित होने से शुद्ध जल व पीने योग्य पानी पर गहराते संकट को ध्यान में रखकर मंचीय तथा नाटकीय तरीके से जागरूकता फैलाते हुए मनाया जाता है। साथ ही इस मौके पर भाषण तथा निबंध लेखन प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है जिनका मुख्य टॉपिक जल संरक्षण के इर्दगिर्द या इससे सम्बन्धित होता है। इसके आलावा Save Water पर Poster Making Competition तथा टीवी, रेडियो, इंटरनेट और अखबार के माध्यम से जल संरक्षण का उपाय एवं भविष्य में आने वाले जल संकट से अवगत कराते हुए ढेर सारी गतिविधियां की जाती है।
जल संरक्षण के उपाय : जन-जन में जल संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाई जाए और उन्हें जल संचय के बारे में भी बताया जाए।
नहाते समय शावर या बाथटब को इस्तेमाल करने
की बजाय बाल्टी में पानी भरकर स्नान किया जाए जिससे पानी बचाया जा सके।
ब्रश करते समय, दाढ़ी बनाते समय या फिर
हाथ धोते समय आवश्यकता ना पड़ने पर नल को बंद कर दें, हो सके
तो जग या मग में पानी रखकर यह सभी काम करें।
पहले बरसात का पानी तालाबों और जलाशयों में
एकत्रित हो जाता था जिसका इस्तेमाल बाद में किया जाता था, लेकिन आज तालाबों की कमी
है ऐसे में जल संरक्षण के लिए पुनः तालाब और जलाशयों का निर्माण किया जाए और उसमें
वर्षा के जल को फिर से संरक्षित किया जाए, जिससे भू अंतर्गत
जल का स्तर भी तेजी से बढ़ेगा।
सार्वजनिक जगहों जैसे पार्कों, अस्पतालों, मंदिरों और स्कूलों में लगी नल की टोंटियाँ अधिकतर खराब ही पाई जाती है,
ऐसे में हम इन खराब टोंटीयों के चलते कई हजार लीटर पानी बर्बाद कर
देते हैं, हमें इन नलों को पुनः मरम्मत कराकर इन्हें जल्द से
जल्द ठीक कराना चाहिए जिससे पानी व्यर्थ ना हो।
सरकार को यह ध्यान देना चाहिए कि कारखानों
नालियों और सीवर आदि का पानी नदियों के शुद्ध जल में ना मिले इससे नदियों के पानी
को भी पीने योग्य बनाया जाए और अन्य कामों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सके।
पानी संरक्षण के लिए हमें रेन वाटर
हार्वेस्टिंग तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए,
जिससे वर्षा के जल को एकत्रित किया जा सके यह तकनीक अब तक की सबसे
कारगर मानी जाने वाली टेक्नोलॉजी है जिससे वर्षा के जल को काफी मात्रा में एकत्रित
किया जा सकता है।
सरकारों को जल संरक्षण और जल व्यर्थ करने
वालों पर सख्त कानून बनाने चाहिए।
पेड़ों की कटाई से धरती की नमी में लगातार
कमी आ रही है जिससे भूजल स्तर पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है ऐसे में हमें
वृक्षारोपण करना चाहिए और लोगों को भी वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
साथ ही हमें सब्जियों और फलों को धोते समय
बचे पानी और कपड़े धोते समय बचे पानी का इस्तेमाल घर के सफाई आदि के लिए करना
चाहिए।
जल दिवस का महत्व : मानव की उत्पत्ति के लिए
पानी कितना जरूरी है इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते है की अब दूसरें ग्रहों
पर जीवन की तालाश के लिए पानी की खोज को प्राथमिकता दी जा रही हैं। और अधिकांश
संस्कृतियों का विकास भी नदी के किनारे बताया जाता हैं।
लेकिन दुनिया में मौजूद पानी की मात्रा का
केवल 1% या इससे भी कम पानी पीने
के योग्य है। बाकी 99% पानी नदियों, महासागरों,
झीलों और झरनों आदि के रूप में उपलब्ध है जो या तो दूषित है या इतना
खारा है की उसे पीया नहीं जा सकता।आज पानी की कमी का मुख्य कारण पानी का अनावश्यक
उपयोग ही है। लोगों की बढ़ती आबादी और औद्योगिकीकरण के कारण आज नदियाँ लगातार
दूषित होती जा रही है और स्वच्छ पानी की खपत तेजी से बढ़ रही है। पानी के बिना
जीवन असम्भव है, इसलिए पानी की बचत करने की आज सबसे ज्यादा
आवश्यकता है।
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