सोयाबीन फसल के अच्छे उत्पादन के लिए एसे करें बुवाई | Best Sowing Method for Soybean Crop - Blog 100
सोयाबीन
फसल के अच्छे उत्पादन के लिए एसे करें बुवाई ||
खेत की तैयारी :
गर्मी के मौसम में सोयाबीन की बुवाई हेतु खाली खेत की गहरी
जुताई करके खुला छोड़ दे। जिससे वर्षा का जल खेत मे ही संग्रहित रहें। सोयाबीन फसल
के अच्छे उत्पादन के लिए कार्बनिक खाद का प्रयोग करें अंतिम बखरनी के पूर्व
पूर्णतः पकी हुई गोबर की खाद कि अनुशंसित मात्रा 5 से 10 टन प्रति हेक्टर या मुर्गी की खाद 2.5 टन प्रति हेक्टर की दर से फैला दें। खेत की जुताई कर बक्खर
या कल्टीवेटर एवं पाटा चलाकर खेत को तैयार करें। और खेत में उचित जल निकास की व्यवस्था
करें।
सोयाबीन के अच्छे उत्पादन के लिए सब-सोइलर का उपयोग करे। किसान
भाइयो सलाह है कि 4-5 वर्ष में एक बार अपने खेत में 10 मीटर के अंतराल पर आड़ी एवं खड़ी दिशा में सब-साईलर चलाये| इससे अधोभूमि की कठोर परत को तोड़ने में सहायता मिलती है
जिससे जमीन में नमी का अधिक से अधिक संचयन होता है व सूखे की स्थिति में फसल को
सहायता मिलती हैं|
अंकुरण परीक्षण : खरीफ फसलों कि बुवाई से पूर्व अपने बीज का अंकुरण परीक्षण
अवस्य करे इसके लिए १०० दानो को टाट के बोरे में अथवा जमीन में उगाये तथा पता करे
कि कितने बीज स्वास्थ्य रूप से अंकुरित हुए अंकुरण प्रतिसत के आधार पर ही उत्तम
बीज कि बुवाई करे।
अंतरण : सोयाबीन की बुवाई हेतु क़तर से कतार की
दूरी 30-45 सेंटीमीटर रखे तथा 3-4 सें.मी. गहराई पर बुवाई करें बुवाई सीडड्रिल से करें|
बुवाई पद्धतियाँ : विपरीत मौसम या मानसून की अनिश्चितता के कारण (सूखे कि स्थिति, अतिवृष्टि आदि) से होने वाले नुकसान को कम करने और उत्पादन में स्थिरता के लिए
सोयाबीन की बोवनी बी.बी.एफ.पद्धति (चौड़ी क्यारी पद्धिति) या रिज एवं फरो पद्धति (कूड
मेड पद्धिति) से करें| इससे अतिरिक्त पानी का निकास व जल संचयन
होने से सूखे की स्थिति में लाभ मिलता है।
बीज दर : सोयाबीन की बोवनी हेतु अपने पास उपलब्ध बीज के न्यूनतम 70 प्रतिशत अंकुरण के अनुसार बीज दर का प्रयोग करें| जैसे कि 70 प्रतिशत अंकुरण
क्षमता - 70 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर तथा 65, 60, 55, या 50 प्रतिशत अंकुरण क्षमता वाले बीज को 18 इंच कतारों की दूरी रखते हुए 75, 80, 90 या 100 कि.ग्रा.प्रति हेक्टेयर बीज दर का उपयोग
करें
सोयाबीन के बीज दर 25 किग्रा प्रति हेक्टेयर रखें।
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पोषक तत्वों : सोयाबीन फसल के लिए आवश्यक पोषक तत्वों
20 कि.ग्रा प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन
60 कि.ग्रा प्रति हेक्टेयर फॉस्फोरस
40 कि.ग्रा प्रति हेक्टेयर पोटाश
20 कि.ग्रा प्रति हेक्टेयर सल्फर
की पूर्ति केवल बोवनी के समय चयनित
उर्वरकों के विभिन्न स्त्रोतों जैसे
56 कि.ग्रा. यूरिया + 375 किग्रा सुपर फॉस्फेट व
67 किग्रा म्यूरेट ऑफ़ पोटाश अथवा
125 किग्रा डी.ए.पी.+ 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ़ पोटाश + सल्फर अथवा
200 किग्रा मिश्रित उर्वरक 12:32:16 + सल्फर
की सम्पूर्ण मात्रा का उपयोग केवल सोयाबीन की बोवनी से पहले फैलाकर करें| इसके लिए सीड-कम-फटी सीड ड्रील
का प्रयोग किया जा सकता है।
समय:
असिंचित:- सोयाबीन
फसल की बुआई असिंचित अवस्था में वर्षा प्रारंभ होते ही करे या 4 इंच वर्षा होने पर ही सोयाबीन कि
बोवनी करें|
सिंचित:- सिंचित अवस्था में 22 से 30 जून तक करे|
बीजोपचार : सोयाबीन फसल की प्रारंभिक अवस्था में रोग
तथा कीटो से बचाव के साथ-साथ उपयुक्त पौध संख्या सुनिश्चित करने हेतु सोयाबीन में
बीजोपचार अत्यंत आवश्यक हैं|
हमेंसा FIR विधि से बीज उपचार करें| Fungicide + Insecticide + Rhizobium Culture
इसके लिए अनुशंसा
हैं कि सर्वप्रथम बीज को अनुशंसित पूर्वमिश्रित फफूंदनाशक थायोफिनेट
मिथाईल+पायरोक्लोस्ट्रोबीन अथवा पेनफ्लूफेन +ट्रायफ्लोक्सिस्ट्रोबीन 38 एफ.एस.(1 मि.ली./कि.ग्रा.
बीज) से उपचारित कर थोड़ी देर छाया में सुखाएं| तत्पश्चात अनुशंसित कीटनाशक थायामिथोक्सम 30 एफ.एस. (10 मि.ली. प्रति KG बीज) अथवा इमिडाक्लोप्रिड (1.25 मि.ली./कि.ग्रा. बीज) से भी उपचारित करें|
उन्नत प्रजातियों : सोयाबीन फसल के लिए किस्मों का विविधिकरण- किस्मों की विशेषताए-(उत्पादन
क्षमता, पकने कि अवधि तथा जैविक कारकों के लिए
प्रतिरोधक क्षमता) के आधार पर विभिन्न समयावधि में पकने वाली, अपने क्षेत्र के लिए अनुशंसित 2-3 किस्मों की खेती करे|
सोयाबीन की बुवाई हेतु उन्नत प्रजातियों जैसे
सोयाबीन की अल्पावधि: जे.एस 20-34 (85-88 दिन) तथा
मध्यम अवधि: जे.एस. 20-98 (96-98 दिन), जे.एस 20-29
(95-96 दिन), जे.एस 20-69 (95-96 दिन), जे.एस 20-116 (95-98 दिन)
बीमारी से प्रतिरोधक किस्मो : JS 95-60, JS 97-52, JS 20-29,
RVS 2001-4, JS 20-34, JS 20-69, JS
20-94, JS 20-98, NRC-86 की बोआई कर सकते है |
मेढ़
नाली पद्धति उपयुक्त किस्मे: NRC-37, JS 20-29, RVS
2001-4, JS 20-34, JS 20-69, JS 20-94, JS
20-98, NRC-86
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