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बी.बी.एफ. पद्धति | B. B. F. Method - Blog 95

बी.बी.एफ. पद्धति  बी.बी.एफ पद्धति वास्तव में समय की आवश्यकता है। इस पद्धति मे समय , श्रम , और धन की बचत तो है ही साथ में पर्यावरण के लिए भी आवश्यक है। आधुनिक खेती किसानी में बी.बी.एफ पद्धति को समायोजित करना समय की आवश्यकता है। मैंने इस पद्धति में पाया कि जिन खेतो में हमनें बक्खर चलाई थी उन खेतो की तुलना में बी.बी एक पद्धति में खरपतवार की काफी कम ऊगे। इस पद्धति मे श्रम की भी कफी बचत होती है खरीफ की फसल की खेत की तैयारी करने के लिए एक या दो बार बक्खर चलाते है जबकि बी.बी.एफ पद्धति जीरो ट्रीलेज बूवाई की जाती है तो इस कारण एक या दो बार बक्खर चलाने की लागत लगभग 700 से 1400 रूपये की बचत होती है और साथ समय भी बचता है ऐसा ही रबी की फसल की खेत की तैयारी करने की भी बचत होती है इससे हमें खेती की तैयारी पर जो खर्च होता है वह सीधी बचत होती है बचत के साथ हमारे पर्यावरण को भी कम नुकसान होता है क्योंकि एक एकड़ खेत में कम से कम 3 से 4 लीटर डिजल को जलाना पड़ाताहैजिससे हमारे पर्यावरण कार्बन-डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है जीरो ट्रीलेज मे यह मात्र 1/3 ( एक तिहाई) ही रह जाती है और इसके साथ ही विदेशी मुद्...

विश्व मिट्टी दिवस की जानकारी | Information About of World Soil Day - Blog 94

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विश्व मिट्टी दिवस की जानकारी  किसान भाइयों, आज 5 दिसम्बर को विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस है| आइए हम संकल्प ले कि अपने खेतों की मिट्टी को उपजाऊ व स्वस्थ बनाए रखने के लिए जैविक खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करेंगे, रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशकों का प्रयोग कम से कम करेंगे, हर 3 साल में खेत की गहरी जुताई व मिट्टी परीक्षण के बाद संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करेंगे| इस अवसर पर आपको सलाह दी जाती है कि खेत में फसल अवशेष या नरवाई को कदापि ना जलाएं अपितु उसका प्रयोग खेत में सड़ाकर खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में करें| जी हां! “स्वस्थ धरा-खेत हरा” इसी भावना के साथ प्रकृति व पर्यावरण को स्वच्छ बनाने का संकल्प लें| विश्व मिट्टी दिवस की संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर वर्ष 5 दसंबर को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उदेश्य किसानो और आम लोगों को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है। विश्व के बहुत से भागों में उपजाऊ मिट्टी बंजर और किसानो द्वारा ज्यादा रसायनिक खादों और कीड़ेमार दवाईओं का इस्तेमाल करने से मिट्टी के जैविक गुणों में कमी आने के कारण इसकी उपजाऊ क्षमता में गिरावट आ रही है और यह प्रदूशंन का भ...