वर्ष भर हरा चारा उत्पादन हेतु नेपियर घास की खेती करें । Green fodder production All year of Napier grass - Blog 86
वर्ष भर हरा चारा उत्पादन हेतु नेपियर घास की खेती करें ।
Green fodder production All year of Napier grass - Blog 86
जानिए, क्या होती है नेपियर घास
पशुपालकों को हरे चारे की सबसे ज्यादा परेशानी होती है, बरसीम, मक्का, ज्वार जैसी फसलों से तीन-चार महीनों तक ही हरा चारा मिलता है। लेकिन सुपर नेपियर घास इस समस्या को पांच से 10 साल तक के लिए यह समस्या खत्म कर देती है। दरअसल सुपर नेपियर घास की हाईब्रिड वैरायटी है। जो कि न केवल बंजर जमीन बल्कि खेतों की मेड़ों पर उगाई जा सकती है। केवल सिंचित करने की आवश्यकता है। फरवरि से अक्तुबर सुपर नेपियर घास की रोपाई करने का यही सही समय है। यह घास 20 से 25 दिन में तैयार हो जाती है। सुपर नेपियर घास का उत्पादन प्रति एकड़ लगभग 4000 से 5000 क्विंटल होता है। एक बार घास की कटाई करने के बाद उसकी शाखाएं पुनः फैलने लगती है।
रोपण विधि- 60 से 100 सेमी. की दूरी पर 25 से.मी. उँची बनी मेढ़ों पर मेढ़ के दोनो तरफ दो तिहाई ऊॅचाई पर जिग-जैग रूप से संकर नेपियर घास की जड़ों या तने की कटिंग को 60 सेमीं. की दूरी पर लगाकर, आधार पर अच्छी तरह दबा देते हैं. कटिंग को थोड़ा तिरछा करके इस प्रकार लगाते है कि कटे भाग को सीधी धूप से बचाया जा सके. रोपण के तुरन्त बाद खेत में पानी लगा देते है. कटिंग लगाने के लिये 5-6 माह पुराने तनो का चुनाव करना चाहिये. तने की कटिंग इस प्रकार तैयार करते हैं कि उसमें दो गॉठ हों. एक गॉठ को मिट्टी में दबा देते हैं तथा दूसरी गॉठ को ऊपर रखते हैं. या गन्ने की तरह लेटा कर भी लगा सकते है। पौधों से पौधों की दूरी 60 से.मी. तथा लाइन से लाइन की दूरी 60 से.मी., 80 से.मी. तथा 100 से.मी. रखने पर क्रमशः 12 से 15 हजार जड़ों या दो गॉठ के तनों की प्रति एकड़ आवश्यकता होती है.
खरपतवार प्रबन्धन- रोपण के 30 दिन के भीतर मेढ़ां पर से निराई गुड़ाई करके घास निकाल देनी चाहिये तथा बीच के स्थान पर कस्सी द्वारा खुदाई करके खरपतवार प्रबन्धन करना चाहिये. इसी समय खाली स्थानों पर नई कटिंग लगाकर गैप फिलिंग भी कर देनी चाहिये.
सिंचाई प्रबन्धन- पहली सिंचाई रोपण के तुरन्त बाद तथा इसके तीन दिन पश्चात् दूसरी सिंचाई अवश्य करनी चाहिये। इसके पश्चात् मौसम के अनुसार 7-12 दिन पर अथवा आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहें।
कटाई एवं उपज- संकर नेपियर घास की पहली कटाई 60-70 दिन पश्चात् तथा इसके बाद फसल की बढ़वार अनुसार 40-45 दिन (4-5 फीट ऊॅचाई होने पर) के अन्तराल पर भूमि की सतह से मिलाकर करनी चाहिये। वर्षभर में इसकी 6-7 कटाई से 2000-2500 कु0/है0 तक हरे चारे की उपज प्राप्त होती है। इसके साथ बीच के खाली स्थान में मौसम अनुसार लोबिया या बरसीम की अन्तःफसली खेती करके अधिक उत्पादन, उत्तम गुणवत्ता का हरा चारा प्राप्त करने के साथ-साथ मृदा की उत्पादकता को भी बनाये रखा जा सकता हैं। नेपियर के एक पौधे में पहली कटिंग से पहले लगभग 15 कल्ले निकलते हैं तथा पहली कटिंग के पश्चात 50 सक अधिक कल्ले निकलते हैं.
गोलु मैड़ा एग्रो फार्म फरिदपुर हिसार हरियाणा में सुपर नैपियर घास हाथी घास, गाय घास नेपियर घास co2 , co3,co5, हीरामणी घास आदि की रोपाई के लिए प्लांटिग मटैरियल जडें/तने , बीज उपलब्ध है ।
जितनी भी आवश्यकता हो पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है ।
एक एकड़ भूमि में रोपाई के लिए 11000-15000 प्लांटिग मटैरियल की आवश्यकता होगी । प्लांटिग मटैरियल की कीमत 2 रुपये प्रति जड / तना गोलु मैड़ा एग्रो फार्म द्वारा निर्धारित है ।
अधिक जानकारी के लिये हमारे Whatsappनंबर 9466866064 पर संपर्क कर सकते है।
सम्पर्क= जतिन जाट वाट्सएप 9813966035
...........................................................................................................................
🚀 स्टॉक मार्केट से लेकर लाइफ सिक्योरिटी तक — 📊👪🎯
📢पाएं डीमैट, ट्रेडिंग, म्यूचुअल फंड्स और बीमा की पूरी सुविधा! 🔷
📧 Email: mahesh.pawar.57@gmail.com
🌐 Stock Market All Blogs : Visit
🌐 Agriculture All Blogs : Visit
...........................................................................................................................
अस्वीकरण (Disclaimer): प्रिय पाठकों, हमारी वेबसाइट/ब्लॉग पर दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक (Educational) उद्देश्य के लिए प्रदान की गई है, इसका उद्देश्य पाठकों को विषय से संबंधित सामान्य जानकारी देना है। कृपया इस ब्लॉग की जानकारी का उपयोग, कोई भी वित्तीय, कानूनी या अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से उत्पन्न किसी भी प्रकार की हानि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा। धन्यवाद।
...........................................................................................................................
⚠️ कॉपीराइट चेतावनी (Copyright Warning): इस ब्लॉग/ पर प्रकाशित सभी लेख, चित्र, वीडियो, डिज़ाइन एवं अन्य सामग्री © AgriGrow Solution के स्वामित्व में हैं। इस सामग्री को किसी भी रूप में कॉपी, पुनःप्रकाशित, संशोधित या वितरित करना भारतीय कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। धारा 51: यदि कोई व्यक्ति बिना अनुमति के किसी कॉपीराइट सामग्री का उपयोग करता है, तो यह कॉपीराइट का उल्लंघन माना जाएगा। और धारा 63: ऐसा करने पर 3 वर्ष तक की जेल और/या जुर्माना हो सकता है। 📩 यदि आप किसी भी सामग्री का उपयोग करना चाहते हैं, तो कृपया पहले अनुमति लें। संपर्क करें: mahesh.pawar.57@gmail.com
...........................................................................................................................
उम्मीद है कि आपको इस पोस्ट से महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों और 📱 सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें ताकि और लोग भी इसका लाभ उठा सकें। अगर आपके मन में कोई सवाल या सुझाव है, तो कृपया नीचे कमेंट में हमें जरूर बताएं – हम हर सुझाव का स्वागत करते हैं और आपके सवालों का जवाब जरूर देंगे। 📩 हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करें ताकि आपको समय-समय पर शेयर बाजार, निवेश और फाइनेंशियल प्लानिंग से जुड़ी उपयोगी जानकारी मिलती रहे।
🌱 पोस्ट पढ़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद 🙏🚜स्मार्ट खेती अपनाएं, फसल और भविष्य दोनों सुरक्षित बनाएं। ✅📌
...........................................................................................................................
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Thanks for Comment....