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टिड्डी दल के नियंत्रण की जानकारी । About information & Management of Locusts Insects - Blog 79

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About information of Locusts Insects टिड्डी दल के नियंत्रण की जानकारी   नमस्कार  किसान भाइयो ,  भारत के कुछ जिलो से टिड्डी दल के प्रकोप की जानकारी आ रही है| टिड्डी दल की सभावना व्यक्त की जा रही है कि यह किसी भी समय हमारे जिलो में प्रवेश कर सकता है| आतः किसान भाइयो को सतर्क रहना है| यह टिड्डी दल समूह में एक स्थान से दुसरे स्थान पहुँचता है| और यह दल जिस भी स्थान पर ठहरता है वहां की वनस्पतियाँ एवं फसलो को पूरी तरह से नष्ट कर देते है| इस कीट के बचाव के लिए ध्वनी विस्तारक यंत्रो से आवाज करना है जैसे ड्रम, टीन के डिब्बे बजाकर हम इन्हें भगा सकते है | यदि संभव है तो क्लोरोपायरिफास दावा की 1 मिली लीटर मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर खेतो के चारो और एवं फसलो में इसका छिडकाव करे| जिससे ये कीट फसलो पर हमला नहीं करेंगे| What are Locusts? (  टिड्डी दल क्या है? ) संघ अर्थोपोड़ा के हेमिप्टेरा (Hemiptera) गण के सिकेडा (Cicada) वंश का कीट भी टिड्डी या फसल डिड्डी (Harvest Locust) कहलाता है। इसे लधुश्रृंगीय टिड्डा (Short Horned Grasshopper) भी कहते हैं। यह प्रवासी कीट है और इसक...

खेती में केंचुआ का महत्त्व | The importance of earthworms in farming - Blog 78

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The importance of earthworms in farming,  खेती में केंचुआ का महत्त्व  सिर्फ एक केंचुआ एक किसान के बचा देता है 4800 रू,जाने कैसे केंचुए मिट्टी को नरम बनाते है पोला बनाते है उपजाऊ बनाते हैं| केंचुए का कम क्या है ? ऊपर से नीचे जाना, नीचे से ऊपर आना पूरे दिन मे तीन-चार चक्कर वो ऊपर से नीचे, नीचे से ऊपर लगा देता है ! अब जब केंचुआ नीचे जाता तो एक रास्ता बनाते हुए जाता है और जब फिर ऊपर आता है तो फिर एक रास्ता बनाते हुए ऊपर आता है ! तो इसका परिणाम ये होता है की ये छोटे छोटे छिद्र जब केंचुआ तैयार कर देता है तो बारिश का पानी एक एक बूंद इन छिद्रो से होते हुए तल मे जमा हो जाता है ! साथ ही अगर एक केंचुआ साल भर जिंदा रहे तो एक वर्ष मे 36 मीट्रिक टन मिट्टी को उल्ट पलटकर देता है और उतनी ही मिट्टी को ट्रैक्टर से उल्ट पलट करना पड़े तो सौ लीटर डीजललग जाता है 100 लीटर डीजल 4800 का है ! मतलब एक केंचुआ एक किसान का 4800 रूपये बचा रहा है ऐसे करोड़ो केंचुए है सोचो कितना लाभ हो रहा है इस देश को ! गोबर खाद डालने से फाइदा क्या होता है ? रसायनिक खाद डालो केंचुआ मर जाताहै गोबर का खाद डालो केंचुआ ज़िंदा हो ...

खाद बीज व कीटनाशक का लाइसेंस कैसे बनवाये | How to Apply Fertilizer, Seed & Pesticides License - Blog 77

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How to Apply Fertilizer, Seed & Pesticides License, खाद बीज व कीटनाशक का लाइसेंस कैसे बनवाये  किसान भाई खाद बीज व कीटनाशक की दुकान का लाइसेंस कैसे बनवा कर अपना रोजगार अपने गांव में ही रहकर स्टार्ट कर सकते हैं ! इस लाइसेंस की सहायता से आप अपनी दुकान खोलकर अच्छी खासी आमदनी कर सकते हैं |  लाइसेंस लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं ! और महज 28 से 30 दिन में आपका लाइसेंस बन के तैयार हो जाता है ! लाइसेंस बनवाने से पहले आपको कुछ नियम और शर्तों का पालन करना पड़ता है ! जो कि मैं आपको यहां पर आज समझाने वाला हूं | लाइसेंस लेने के नियम : दुकान का लाइसेंस बनवाना पहले थोड़ा आसान था ! पहले आप अगर कोई भी डिग्री नहीं लिए हैं ! तब भी लाइसेंस बनवा सकते थे ! लेकिन अब आपको खाद और कीटनाशक दवाइयों की बिक्री करने के लिए स्नातक होना जरूरी है ! और आपने स्नातक की पढ़ाई  केमिस्ट्री विषय के साथ की हो या आपने बीएससी एग्रीकल्चर (कृषि) से किया है तब भी आप लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं !  कितने साल का खाद बीज व कीटनाशक लाइसेंस बनता है : लाइसेंस में आपको 1250 रुपए कृषि विभाग के कार्यालय में ...

कैसे मिलता है जैविक खेती का सर्टिफिकेट | How to get a certificate of organic farming - Blog 76

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कैसे मिलता है जैविक खेती का सर्टिफिकेट  How to get a certificate of organic farming किसानों से कैमिकल और पेस्टिसाइड का कम इस्तेमाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कई बार सलाह दी है. आर्गेनिक खेती (Organic Farming) को बढ़ावा देने पर उनकी सरकार लगातार जोर दे रही है. लेकिन ज्यादातर किसानों को इसे लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं है कि आखिर आर्गेनिक खेती कैसे होगी. उसके लिए सर्टिफिकेट कहां से मिलेगा और इसका बाजार क्या है? ऐसी खेती के लिए जरूरी चीजें कहां से मिलेंगी. इन सवालों का जवाब अब एक ही जगह मिलेगा. सरकार ने किसानों की सहूलियत के लिए जैविक खेती पोर्टल (https://www.jaivikkheti.in/) विकसित किया है, जिसकी आप मदद ले सकते हैं. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक केंद्र सरकार परंपरागत खेती को बढ़ावा देने के लिए 2015-16 से 2019-20 तक 1632 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं l सरकार ने आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए PKVY (Paramparagat Krishi Vikas Yojana) बनाई है. जिससे आपको प्राकृतिक खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये मिलेंगे l केंद्र सरकार ने जै...

पपीता की वैज्ञानिक खेती | Scientific Cultivation of Papaya - Blog 75

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पपीता की वैज्ञानिक खेती :   Scientific Cultivation of Papaya :         पिछले कुछ वर्षों में पपीता की खेती की तरफ किसानों का रुझान बढ़ रहा है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह हमारे देश का पांचवा लोकप्रिय फल है। यह बारहों महीने होता है, लेकिन यह फ़रवरी-मार्च से मई से अक्टूबर के मध्य विशेष रूप से पैदा होता है, क्योंकि इसकी सफल खेती के लिए 10 डिग्री से. से 40 डिग्री से. तापमान उपयुक्त है।         इसके फल विटामिन A और C के अच्छे स्त्रोत है। विटामिन के साथ पपीता में पपेन नामक एंजाइम पाया जाता है जो शरीर की अतिरिक्त चर्बी को हटाने में सहायक होता है। स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होने के साथ ही पपीता सबसे कम दिनों में तैयार होने वाले फलों में से एक है जो कच्चे और पके दोनों ही रूपों में उपयोगी है। इसका आर्थिक महत्व ताजे फलों के अतिरिक्त पपेन के कारण भी है, जिसका प्रयोग बहुत से औद्योगिक कामों (जैसे कि खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा उद्योग आदि) में होता है। बलुई दोमट मिट्टी में मिलेगी अच्छी उपज :         पपीते की खेती के लिए बलुई दोमट प्रकार की मि...