हर एक किसान परेशान | Farmer Problems Part 2- Blog 59
📌 सरकारी योजनाओं की लिस्ट लंबी है, लेकिन क्या ये किसानों तक सही समय पर, सही तरीके से पहुँचती हैं? आइए जानते हैं इनकी ज़मीनी सच्चाई।
🏛️ किसानों के लिए प्रमुख सरकारी योजनाएँ
सरकार की तरफ से किसानों की सहायता हेतु कई योजनाएँ बनाई गई हैं। इनमें से कुछ प्रमुख योजनाएँ निम्नलिखित हैं:
योजना का नाम | उद्देश्य |
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पीएम-किसान सम्मान निधि | ₹6000 वार्षिक सीधे किसान के खाते में |
पीएम फसल बीमा योजना | प्राकृतिक आपदा से फसल का बीमा |
पीएम कृषि सिंचाई योजना | हर खेत को पानी |
e-NAM (ई-नाम) | फसल की ऑनलाइन बिक्री व बेहतर मूल्य |
सॉयल हेल्थ कार्ड योजना | मिट्टी की गुणवत्ता की जाँच |
किसान क्रेडिट कार्ड | आसान व सस्ती कृषि ऋण सुविधा |
⚠️ अब ज़रा देखिए इनकी ज़मीनी सच्चाई
1. 🔄 योजनाएं तो हैं, लेकिन पहुंच नहीं
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कई किसानों को इन योजनाओं की जानकारी नहीं होती, खासकर ग्रामीण और अशिक्षित वर्ग को।
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पंचायत या सरकारी बाबुओं की लापरवाही से लाभ पात्र किसान तक नहीं पहुँच पाता।
2. 🕰️ देर से भुगतान या प्रक्रिया की जटिलता
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पीएम किसान सम्मान निधि की राशि कई महीने देर से आती है।
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फसल बीमा का क्लेम लंबे समय तक अटका रहता है और बहुत से मामलों में तो रिजेक्ट कर दिया जाता है।
3. 📲 डिजिटल सिस्टम लेकिन किसान अनजान
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e-NAM जैसे प्लेटफॉर्म से फायदा उन किसानों को होता है जिनके पास स्मार्टफोन, नेटवर्क और डिजिटल समझ है।
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लेकिन 80% से अधिक किसान अब भी परंपरागत मंडियों पर निर्भर हैं।
4. 🏦 कर्ज़ मिलना आसान नहीं, प्रक्रिया पेचीदा
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किसान क्रेडिट कार्ड के लिए बैंक में दौड़भाग, गारंटी और दलाली आम बात है।
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छोटे और सीमांत किसान अक्सर ब्याज पर साहूकारों से कर्ज लेने को मजबूर होते हैं।
💬 एक किसान की बात – जो आज भी अनसुनी है
“हमसे कहा जाता है कि सरकार आपके साथ है,
लेकिन हर कागज़ पर दस्तखत करवाकर कोई साथ नहीं देता।”
✅ क्या किया जा सकता है? (समाधान की दिशा में कदम)
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योजनाओं की जानकारी गाँव स्तर तक पहुँचाई जाए
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स्थानीय कृषि अधिकारियों की जवाबदेही तय हो
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डिजिटल इंडिया के साथ-साथ 'ग्राउंड इंडिया' की भी ज़रूरत है
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नियमित सर्वे और फीडबैक सिस्टम हो, जिससे किसान सीधे शिकायत कर सकें
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प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान हों — खेत से पंचायत तक
📌 निष्कर्ष
सरकार की योजनाएं कागज़ पर बहुत आकर्षक दिखती हैं, लेकिन जब तक वो सीधे किसान तक ईमानदारी से नहीं पहुँचतीं, तब तक बदलाव सिर्फ भाषणों और विज्ञापनों तक ही सीमित रहेगा।
Blog Part 3 में हम चर्चा करेंगे –
🔍 “कृषि का भविष्य – समाधान, तकनीक और किसान की नई राह”।
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