Moringa drumstick cultivation | मोरिनगा सहजन की खेती - Blog 36
Moringa drumstick cultivation
(मोरिनगा सहजन की खेती)
・Moringa AR 32 एक धूप ओर गर्मी सहन करने वाला पौधा है। कम रख -रखाव के साथ अच्छा परिणाम देता है
・AR 32 की पहली फसल है जो 6-7 महीने में ली जाती है ।
पहले वर्ष में 20 से 25 किलो तक पैदावार देता है दूसरे वर्ष में 35 से 40 किलो तक पैदावार देता रहेगा और 7 से 8 साल तक मोटी कमाई कर सकते हैं ।
・प्रति एकड जमीन में 1200 पौधे रोपे जाते हैं । पौधे से पौधे की दूरी 5 × 8 फिट पर लगा सकते हैं ।
・पौध रोपण करने के 3 माह में फुल (flooring start ) और 6 से 7 माह में फली उतारना शुरू हो जाती है ओर लगातार 6 माह तक लगातार फली उतरती है ओर 6 माह पौधे को रेस्ट देना पडता है ताकि आने वाले वर्ष मे फसल मे बढोतरी मिले ओर पौधे आयु ओर फसल की गुणवत्ता बढती है ।
・सहजन की खेती से अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
🌿 मोरिंगा (सहजन) की खेती – सम्पूर्ण मार्गदर्शिका
परिचय
सहजन (Moringa oleifera) एक अत्यधिक पोषक तत्वों से भरपूर पौधा है जिसे 'सुपर फूड' भी कहा जाता है। इसके फल, पत्ते, बीज और फूल सभी औषधीय व पोषण गुणों से भरपूर होते हैं। यह कम लागत, कम पानी और कम देखभाल में अच्छी पैदावार देने वाली फसल है।
✅ मोरिंगा की विशेषताएं
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सूखा सहन करने वाली फसल
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6-8 महीनों में उत्पादन शुरू
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एक बार लगाने के बाद 8-10 साल तक उपज देती है
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औषधीय, पोषण और व्यावसायिक उपयोग
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प्रति एकड़ 10-15 टन तक उपज
🏞 अनुकूल जलवायु व मिट्टी
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जलवायु: गर्म व शुष्क जलवायु उपयुक्त है (20°C–35°C)
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मिट्टी: अच्छी जलनिकासी वाली दोमट या रेतीली दोमट मिट्टी; pH 6.0–7.5
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जल जमाव बिल्कुल नहीं होना चाहिए
🌱 प्रजातियाँ (Varieties)
प्रजाति | विशेषता |
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PKM-1 | उच्च उत्पादन, 6 माह में फल देने लगता है |
PKM-2 | बड़ी फली, अधिक बीज |
Dhanraj | भारत में लोकप्रिय |
Rohit-1 | गहरी जड़ें, औद्योगिक उपयोग |
📅 बोने का समय
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बीज द्वारा: जून-जुलाई (मानसून की शुरुआत में)
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कलम या कटिंग द्वारा: फरवरी–मार्च या जुलाई–अगस्त
📏 रोपाई की दूरी
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पंक्ति से पंक्ति: 10 फीट
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पौधे से पौधा: 6 फीट
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प्रति एकड़ 700–800 पौधे
🔧 भूमि तैयारी
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खेत की 1-2 बार गहरी जुताई करें
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1 फिट गहरा व 1x1 फिट आकार का गड्ढा बनाएं
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हर गड्ढे में 2-3 किलो गोबर की खाद + नीम की खली डालें
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बीज को 24 घंटे पानी में भिगोकर बोएं
💧 सिंचाई
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वर्षा आधारित क्षेत्रों में कम सिंचाई की जरूरत
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गर्मियों में 7–10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें
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फल बनने के समय अधिक पानी दें
🍂 खाद एवं उर्वरक
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जैविक खाद: प्रति पौधा 2-5 किलो गोबर की खाद
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नीम खली, वर्मी कम्पोस्ट और सूक्ष्म पोषक तत्व
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फसल के 3, 6 और 9 महीने में खाद डालें
🐛 रोग व कीट नियंत्रण
रोग / कीट | उपाय |
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फली छेदक कीट | नीम तेल छिड़काव (5 ml/L) |
सफेद मक्खी | ट्राइकोडर्मा या गोमूत्र आधारित जैविक स्प्रे |
फफूंद / झुलसा | छाछ (मट्ठा) का 10% घोल छिड़कें |
दीमक | गड्ढों में नीम की खली या राख मिलाएँ |
🧺 फसल की कटाई
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फली कटाई: बीज से बोने के 6-8 महीने बाद
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साल में 2-3 बार फसल ली जा सकती है
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पत्तों की कटाई: हर 45-60 दिन में
💰 आय और लाभ
विवरण | अनुमानित आँकड़े (1 एकड़) |
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कुल लागत | ₹20,000–₹30,000 |
उत्पादन | 10–15 टन फलियाँ |
बाजार भाव | ₹10–₹25 / किलो |
कुल आय | ₹1.5 लाख तक |
शुद्ध लाभ | ₹1–1.2 लाख तक प्रति वर्ष |
📦 विपणन और प्रोसेसिंग
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ताज़ी फलियाँ स्थानीय बाजार या मंडी में
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पत्तियाँ सुखाकर पाउडर (Moringa Powder) बना सकते हैं
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बीज से तेल निकाला जा सकता है (उच्च मूल्य)
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आयुर्वेदिक कंपनियाँ खरीदती हैं
📌 निष्कर्ष
सहजन की खेती कम लागत में अधिक लाभ देने वाली जैविक व पोषक खेती है। यह छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
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