नया फॉर्मूला जैविक सूक्ष्म तत्व बनाने का सामग्री ::
1. 2किलो मक्का
2. 2 किलो सरसो
3. 2 किलो तिल
4. 2 किलो सूरजमुखी
5. 2 किलो मूंग
6. 2 किलो अरहर
7. 11 लोहे(iron) की मीडियम साइज की किले
8. तांबे के कोई पात्र या तार
9. 100 लीटर वेस्टडीकम्पोजर
विधि ::
मक्का,सरसो,तिल, सूरजमुखी,मूंग व अरहर को पीस कर बारीक आटा बना ले ।अब इन सब को 100 लीटर वेस्ट डीकम्पोजर में डाले और अच्छी तरह मिक्स कर दे । अब इसमें 11 किले लोहा को तांबे के पात्र मे डाले ।रोज इसको चलाते रहे ।7 से 10 दिन में आपका सॉल्यूशन तैयार है । जिसमे सभी सूक्ष्म तत्व जैसे आयरन , केल्शियम, मैग्नेशियम, प्रोटीन , विटामिन, पोटेशियम आदि सभी की मात्रा मिलेगी ।
यह पोस्ट सिर्फ आपकी जानकारी के लिए है इसके उपयोग से पहले विशेषज्ञ से जरूर सलाह दें|
नया फॉर्मूला: जैविक सूक्ष्म तत्व (Micronutrients) बनाने की सामग्री और विधि
(घरेलू जैविक खेती के लिए उपयोगी मिश्रण)
यह जैविक सूक्ष्म तत्व मिश्रण मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता सुधारने और सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की कमी को पूरा करने के लिए उपयोगी है।
🌱 सामग्री (Ingredients):
क्रम |
सामग्री |
मात्रा |
उद्देश्य |
1. |
देशी गाय का गोबर (ताजा) |
5 किलोग्राम |
जीवाणुओं का स्रोत |
2. |
देशी गाय का गौमूत्र |
5 लीटर |
रोगनाशक और पोषक तत्व |
3. |
गुड़ (jaggery) |
500 ग्राम |
ऊर्जा स्रोत (किण्वन के लिए) |
4. |
बेसन (चने का आटा) |
500 ग्राम |
प्रोटीन स्रोत |
5. |
पानी |
20 लीटर |
घोल बनाने के लिए |
6. |
चूना (slaked lime) |
100 ग्राम |
सूक्ष्म तत्व संतुलन हेतु |
7. |
राख (लकड़ी की) |
1 किलोग्राम |
पोटाश, कैल्शियम और ट्रेस मिनरल |
8. |
भुनी हुई मिट्टी |
1 किलोग्राम |
ट्रेस एलिमेंट्स और सूक्ष्म जीवाणु समर्थन |
🧪 बनाने की विधि (Preparation Method):
-
एक बड़ा प्लास्टिक या मिट्टी का ड्रम लें (धातु न हो)।
-
इसमें पहले गोबर, गौमूत्र और पानी मिलाएं और अच्छी तरह हिलाएं।
-
अब गुड़ और बेसन डालें, और फिर से अच्छे से मिलाएं।
-
चूना, राख और भुनी हुई मिट्टी को मिलाकर मिश्रण में डालें।
-
ड्रम को ढक्कन से ढक दें लेकिन हवा का आवागमन बना रहे।
-
इस मिश्रण को 7 दिनों तक रोज़ एक बार लकड़ी के डंडे से हिलाएं।
-
7 दिन बाद मिश्रण उपयोग के लिए तैयार हो जाएगा।
✅ उपयोग की विधि:
⚠️ सावधानियाँ:
-
छाया में रखें, सीधी धूप से बचाएं।
-
सप्ताह में एक बार प्रयोग करें।
-
रासायनिक खादों के साथ एक साथ प्रयोग न करें।
📌 लाभ:
-
आयरन, जिंक, मैग्नीज, बोरॉन, कॉपर जैसे सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की पूर्ति।
-
पौधों की बढ़वार में तेजी और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार।
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100% जैविक और पर्यावरण के अनुकूल।
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अस्वीकरण (Disclaimer): प्रिय पाठकों, हमारी वेबसाइट/ब्लॉग पर दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक (Educational) उद्देश्य के लिए प्रदान की गई है, इसका उद्देश्य पाठकों को विषय से संबंधित सामान्य जानकारी देना है। कृपया इस ब्लॉग की जानकारी का उपयोग, कोई भी वित्तीय, कानूनी या अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से उत्पन्न किसी भी प्रकार की हानि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा। धन्यवाद।
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