पोषक तत्व का संतुलन | Balance Nutrient Protection of Insect - Blog 21
- पौधों में यदि नाईट्रोजन-सल्फर का अनुपात ठीक है तो पौधों के जड़ तना पत्ती फूल फल में फंगस नही आएगा।
- नाईट्रोजन कैल्सियम का अनुपात ठीक है तो रस चूसक कीट नहीं आएगा।
- नाइट्रोजन-आयरन का अनुपात ठीक है तो इल्लियॉ नहीं आएंगी।
- वो इस लिये कि मनुष्य छोड़कर हर जीव पहले सूंघता है फिर खाता है ओर सूंघकर ये जीव ये पता लगाते है कि इसमें होने वाले तत्व पचा पाएंगे या नही।
- जिन पौधो में सल्फर,कैल्सियम,आयरन का गंध आएगा वहां क्रमशः फंगस रस चुसक कीट, और इल्लियों की मादा कीट अंडे बच्चे देगी ही नही
- इस तरह से पोषक तत्व प्रबंधन करके हम अपनी फसलो को बीमारियों से बचा सकते हैं।
- यह सभी प्रबंधन खेत में जीवामृत, घनजीवामृत डालने और मिट्टी आच्छादन, कष्टच्चादान और सजीव आच्छादन से सम्भव है जो कि प्राकृतिक खेती का आधार है।
पोषक तत्व का संतुलन | Balance Nutrient Protection of Insect
आपका सवाल दो विषयों को जोड़ता है:
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पोषक तत्वों का संतुलन (Balanced Nutrient Management)
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कीटों से सुरक्षा (Protection from Insects)
इन दोनों का फसल स्वास्थ्य और उत्पादन में गहरा संबंध है। आइए इन्हें एक साथ समझते हैं:
🌱 पोषक तत्वों का संतुलन (Balanced Nutrient Management)
📌 क्या है?
फसल की ज़रूरत के अनुसार उचित मात्रा और अनुपात में प्रमुख (N, P, K), गौण (S, Ca, Mg) और सूक्ष्म पोषक तत्व (Zn, Fe, Mn, B, Cu) देना ताकि पौधे स्वस्थ रहें और अधिक उत्पादन दें।
✅ लाभ:
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पौधे मजबूत और रोग-प्रतिरोधी बनते हैं।
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फसल का जीवनचक्र संतुलित रहता है।
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गुणवत्तापूर्ण उत्पादन होता है।
🐛 कीटों से सुरक्षा (Protection from Insects)
📌 क्यों ज़रूरी?
कीट पौधों की पत्तियों, तनों, जड़ों और फल को नुकसान पहुँचाकर उत्पादन घटाते हैं। संतुलित पोषण मिलने से पौधे कीटों और बीमारियों के प्रति अधिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित करते हैं।
🔗 पोषण और कीट नियंत्रण का संबंध:
पोषक तत्व | कमी/अधिकता का प्रभाव | कीटों पर प्रभाव |
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नाइट्रोजन (N) | अधिक नाइट्रोजन से पौधे कोमल बनते हैं | रस चूसने वाले कीट (जैसे माहू, सफेद मक्खी) अधिक आकर्षित होते हैं |
फास्फोरस (P) | जड़ विकास अच्छा होता है | पौधे मजबूत बनते हैं, कीटों से सुरक्षा बेहतर होती है |
पोटाश (K) | कोशिका की दीवार मजबूत होती है | कीटों और रोगों के प्रति प्रतिरोधकता बढ़ती है |
जिंक (Zn), बोरॉन (B) | कमी से फसल कमजोर होती है | कीटों और फफूंद का प्रकोप बढ़ता है |
🛡️ संतुलित पोषण से कीट नियंत्रण कैसे करें?
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खेत की मृदा जांच करवाएं – तभी सही मात्रा में उर्वरक दें।
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उपयुक्त मात्रा में खाद और सूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रयोग करें – न ज्यादा, न कम।
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ऑर्गेनिक और जैविक विकल्प जैसे वर्मी कंपोस्ट, वेस्ट डी-कम्पोजर, ट्राइकोडर्मा का उपयोग करें।
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कीट प्रबंधन के लिए IPM अपनाएं (Integrated Pest Management):
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फेरोमोन ट्रैप्स
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जैविक कीटनाशक (नीम तेल, बिवेरिया बासियाना)
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लाभदायक कीटों का संरक्षण
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🎯 निष्कर्ष:
"जब पोषण संतुलित होगा, तब पौधा मजबूत होगा। और जब पौधा मजबूत होगा, तो कीटों का प्रकोप खुद-ब-खुद कम होगा।"
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